Spread the love

सरायकेला। सरायकेला की परंपरागत चैत्र पर्व के अवसर पर छऊ कलाकारों द्वारा शुक्रवार को मां झुमकेस्वरी की पूजा अर्चना की गई। परंपरा अनुसार शिव के बाद शक्ति के रूप में मां झूमकेश्वरी की आराधना का विधान रहा है। जिसके तहत कोविड गाइडलाइनों का पालन करते हुए राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के निदेशक गुरु तपन कुमार पटनायक के नेतृत्व में माता की आराधना की गई। जिसमें मुख्य रुप से सरायकेला प्रखंड विकास पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार एवं पद्मश्री पंडित गोपाल प्रसाद दुबे तथा विजय साहू सहित कला केंद्र के अग्रणी कलाकार पूजा में शामिल हुए। माता के दरबार में मत्था टेक कर आराधना करते हुए सभी ने चैत्र पर्व एवं छऊ नृत्य कला के संरक्षण एवं संवर्धन तथा देश सहित विश्व के कोरोना से मुक्ति के लिए हाथ जोड़कर प्रार्थना की। इसके पश्चात माता की प्रसन्नता के लिए भोग प्रसाद का चढ़ावा चढ़ाया गया। जिसे पूजा स्थल पर ही भक्तों के बीच बांटकर सेवन कराया गया। मान्यता रही है कि मां झुमकेस्वरी के दरबार में चढ़ाए गए प्रसाद का सेवन झुमकेस्वरी स्थल में ही किया जाता है। माता की पूजा आराधना के पश्चात निदेशक गुरु तपन के नेतृत्व में छऊ कलाकारों द्वारा परंपरा अनुसार हाथों में ढाल एवं तलवार लेकर फरिखंडा छऊ नृत्य का प्रदर्शन किया गया। गुरु तपन ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कोविड गाइडलाइन के तहत चैत्र पर्व के सभी धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत शनिवार को जात्रा धट लाया जाएगा।

Advertisements
Advertisements
Advertisements

You missed