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सरायकेला -खरसवाॅ (संजय मिश्रा) कोरोना वारियर्स के रूप में माने जा रहे बैंक कर्मी और पदाधिकारी पारिवारिक पेंशन को लेकर लाभुक परेशान भी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सरायकेला नगर क्षेत्र में सामने आया है। जहां एक पुत्र द्वारा अपनी मां को मिलने वाले पारिवारिक पेंशन के लिए भारतीय स्टेट बैंक की सरायकेला शाखा द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने की बात कहीं गई है। इस संबंध में बेटे अवध किशोर सिंह ने बताया है कि उनकी माता आशा देवी एसबीआई सरायकेला की खाताधारक हैं। जिनका पारिवारिक पेंशन खाते में भुगतान किया जाता था। परंतु पैर टूट जाने के बाद ऑपरेशन होने के कारण सत्यापन और भुगतान के लिए बैंक की शाखा में जाने में अक्षम होने के बाद बैंक द्वारा स्टाफ को घर भेज कर सत्यापन एवं निकासी प्रतिमाह कराया जा रहा था। लेकिन इस बार रकम निकासी फार्म भरने के पश्चात सत्यापन के लिए किसी कर्मचारी को यह कह कर नहीं भेजा गया कि स्टाफ कम है। पुनः 2 दिन के बाद 12 मई को बैंक जाने पर कहा गया कि कोविड-19 गाइडलाइन के कारण स्टाफ को नहीं भेज सकते हैं। किसी डॉक्टर से हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान का सत्यापन कराकर लाइए। कोविड-19 के कारण काफी व्यस्त चल रहे डॉक्टर से काफी मशक्कत के बाद अंगूठे के निशान का सत्यापन कराकर बेटे अवध किशोर द्वारा बैंक ले जाए जाने पर फिर से लेखा मैनेजर दिलीप मुखी द्वारा झिड़कते हुए कहा गया कि इसके साथ मेडिकल पुर्जी कहां लगा हुआ है। 17 मई को दोबारा मेडिकल पुर्जी लगाकर निकासी फार्म जमा करने पर एक बार फिर से टालमटोल कर रकम निकासी कर नहीं दिया गया। शाखा प्रबंधक द्वारा कहा गया कि लिखा मैनेजर को बोलिए की स्टाफ भेज देगा। जिसके बाद लेखा मैनेजर ने कहा कि शाखा प्रबंधक शाखा का प्रमुख है। और वही स्टॉप भेज सकते हैं। इस प्रकार भारतीय स्टेट बैंक के सरायकेला शाखा द्वारा वरीय नागरिकों पेंशन धारी को तंग किए जाने की बात उन्होंने कही है। साथ ही कहा है कि पेंशन की रकम नहीं मिलने के कारण परिवार को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा है कि जल्द ही इस विषय पर बैंक शाखा द्वारा रकम निकासी के लिए पहल नहीं की जाती है तो वह इसकी शिकायत भारतीय स्टेट बैंक के वरीय जोनल हेड से करेंगे।

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