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बहरागोड़ा क्षेत्र के चर्चित डॉक्टर संदीप घोष तथा बहरागोड़ा महाविद्यालय के बांग्ला विभागअध्यक्ष प्रो डॉ पी एन बेरा जी का निधन हो गया है । डॉ पद्मनाभ बेरा एक प्रो के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में लोक लेखन साहित्य परिचर्चा को अन्तिम साँस तक जीवित रखने का प्रयास किया था । उनका लोक साहित्य दुटी पाता बहुत ही प्रसिद्ध लेखन के रूप में प्रचलित हुआ था यूँ कहें तो बहरागोड़ा ने एक विभूति को खो दिया गलत नहीं होगा ।
दूसरी ओर बहरागोड़ा के विशिष्ट शल्य चिकित्सक डॉ सन्दीप घोष उर्फ डब्लू घोष का असमायिक निधन ग्रामीण निजी चिकित्सा के क्षेत्र में एक शून्यता प्रदान कर दी है । इसकी भरपाई करना फिलहाल मुश्किल है ।
बहरागोड़ा जैसे सुदुर ग्रामीण क्षेत्र के एक छोटे परिवार से जाकर वनवासी कल्याण समिति के वरिष्ठ कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत अपने कार्य कुशलता से पूरे झारखण्ड प्रदेश में अपना एवं बहरागोड़ा का नाम रोशन करने वाले श्री प्रणय दत्त का निधन भी प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है । उन्होंने जनजातीय कल्याण हेतु कई महत कार्य किये हैं तथा बहरागोड़ा में वनवासी कल्याण केंद्र की ओर से संचालित कई शिक्षण संस्थानों में अहम भूमिका निभाई है ।
उन सभी के पवित्र आत्माओं को ईश्वर सद्गति प्रदान करंे इसी प्रार्थना के साथ दो मिनट का मौन रख कर इन सभी के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किया गया ।।
जिसमें पाथरी,राजलाबंध, मौदा, पाटपुर, साकरा, जगन्नाथपुर, छोटा पारुलिया आदि पंचायतों में युवा संघर्ष वाहिनी के तमाम सदस्यों द्वारा अपने अपने क्षेत्र में एवं गृह आवास में सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करते हुए मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि दिया गया । जिसमें जगदीश राय, सत्यव्रत पंडा, राहुल वाजपेई, विश्वजीत ओझा, देबू सीट,अमित कर, सौरभ मिश्रा, देवदास बाला,मनोज माईती,स्वपन साहू, गुड्डू पंडित,अरूप गिरी, सुजान मन्ना,कौशिक दंड पाट , प्रवीण बेरा,सुरजीत सिंह,भावेश बेरा, प्रकाश कौर आदि सदस्य उपस्थित थे ।
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