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कोरोना के इस भीषण काल में भी स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कई लोग व संस्थान मानवता को तार- तार करते हुए मरीजों से अवैध वसूली, कालाबाजारी जैसे कई कार्यो में जुटे हैं. ऐसी खबरें अक्सर कई जगहों से सामने भी आ रही है. इसी क्रम में सरायकेला जिले के आदित्यपुर स्थित निजी अस्पताल ट्रिपल वन सेव लाइफ अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों से ज्यादा पैसे की वसूली की शिकायत मिलने के बाद प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर वरियल मार्डी की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय टीम ने वस्तु स्थिति की जांच की. दरअसल सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को इस बाबत शिकायत मिली थी. जिसके आलोक में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा यह जांच की गई. जांच के दौरान वहां 8 मरीज भर्ती पाए गए. जिसमें कोविड के सात तथा कैंसर के 1 मरीज पाए गए, लेकिन इस जांच के दौरान निजी अस्पताल प्रबंधन की मनमानी और ठसक की कई बातें भी सामने आई. अस्पताल प्रबंधन द्वारा जांच करने गई टीम को जांच में पूरी तरह से सहयोग नहीं किया गया. यहां तक कि जांच के आधार पर सवाल खड़ा करते हुए अड़ियल रवैया भी दिखाया गया. वही अवैध वसूली के बारे में जब मरीजों के परिजनों से पूछताछ की बातें सामने आई तो किसी भी मरीज के परिजन को अस्पताल प्रबंधन द्वारा टीम के समक्ष नहीं प्रस्तुत किया गया. जांच के दौरान अस्पताल में अग्निशमन की एनओसी, प्रदूषण का सर्टिफिकेट, दर तालिका जैसी कई कमियां भी पाई गई. जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नाराजगी भी जाहिर की. इस जांच टीम में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ वरियल मार्डी के अलावेक डॉक्टर अनिर्बन महतो तथाई घनपत महतो शामिल थे. वही निरीक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और जांच टीम पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने अपना संतुलन खोते हुए मंत्री को सीधे तौर पर चुनौती तक दे डाली. उन्होंने बताया, कि ऐसे अधिकारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने की क्षमता मुझमें है. लेकिन मरीज गंभीर रोग से ग्रसित मरीज अस्पताल में इलाजरत रहने के कारण उन्होंने खुद पर काफी नियंत्रण रखा. उन्होंने बताया कि आखिर किस आधार पर स्वास्थ्य मंत्री ने दवाओं और ऑक्सीजन के दाम तय किए हैं. मैं सरकार के किसी नियम को नहीं मानता. कुल मिलाकर उन्होंने सीधे-सीधे राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री पर हमला बोला है. अब देखना यह दिलचस्प होगा, कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इस मामले में क्या रुख अख्तियार करते हैं.

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