Spread the love

सरायकेला मौसीबाड़ी में 9 दिवसीय रथ मेला: उमड़ी रही दर्शकों की भीड़…

सरायकेला : संजय मिश्रा : सरायकेला में रथ यात्रा उत्सव के मौके पर मौसी बाड़ी क्षेत्र में आयोजित 9 दिवसीय रथ यात्रा मेला इस वर्ष भी लोगों का मुख्य आकर्षण बना हुआ है। मेले में हर दिन बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं, जो इस वार्षिक उत्सव की लोकप्रियता को दर्शाता है। मेले के आयोजन के पीछे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की भावना है, जिसमें हर उम्र के लोग बड़े उत्साह से शामिल हो रहे हैं। मेले में तरह-तरह की दुकानें सजाई गई हैं, जो लोगों को आकर्षित कर रही हैं। विभिन्न प्रकार के झूले और मनोरंजन के साधन जैसे ब्रेक डांस, बिजली झूला, ड्रैगन, नौका, और टोरा टोरा मुख्य आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन झूलों में बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी का खूब मनोरंजन हो रहा है।

Advertisements
Advertisements

विशेष रूप से बच्चों के लिए ये झूले बेहद रोमांचक साबित हो रहे हैं। इसके अलावा मेले में महिलाओं के लिए रोल्ड गोल्ड के आभूषणों की दुकानें लगी हैं। इन दुकानों पर महिलाएं बड़े उत्साह से खरीदारी कर रही हैं। बच्चों के लिए भी अनेक प्रकार के खिलौनों की दुकानें लगी हैं, जो उनके मन को भा रही हैं। घरेलू उपयोग की वस्तुओं की भी कई दुकानें हैं, जहां लोग अपनी आवश्यकताओं के अनुसार खरीदारी कर रहे हैं। मेले में फास्ट फूड की भी अनेक दुकानें लगी हैं, जहां विभिन्न प्रकार के व्यंजन उपलब्ध हैं। लोग अपने पसंदीदा व्यंजन का लुत्फ उठा रहे हैं और इन दुकानों पर अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है।

गोलगप्पे, चाट, समोसे और मिठाइयों जैसी लोकप्रिय खाने-पीने की चीजें लोगों को खूब भा रही हैं। मेले की इस भीड़-भाड़ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती से मेले का संचालन सुचारू रूप से हो रहा है। मेले में आए लोग सुरक्षा प्रबंधों से संतुष्ट हैं और बिना किसी चिंता के मेले का आनंद ले रहे हैं।

सरायकेला का यह मेला स्थानीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। रथ यात्रा के इस मेले में धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जो मेले की शोभा बढ़ाते हैं। इस मेले का हर वर्ष इंतजार रहता है, और यह मेला लोगों के जीवन में खुशियों के रंग भरता है।

मेलों की इस परंपरा को जीवित रखने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का यह प्रयास सराहनीय है। सरायकेला का यह मेला न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का माध्यम है, बल्कि लोगों को आपस में जोड़ने का भी एक सशक्त साधन है।

Advertisements

You missed