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Jamshedpur -/Potka पोटका प्रखंड अंतर्गत गांव रिमड़ा टोला बाड़ेदा में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है ।
गांव के अंदर दो जल मीनार रहते हुए भी वह बेकार पड़ा है ।, पेयजल के लिए ग्रामीण महिलाएं सुबह 4:00 बजे से बर्तनों की लाइन लगीहोती है । लेकिन फिर भी नहीं मिलता पानी गांव वासियों को गांव के तालाब या दो-तीन किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है ।

पोटका प्रखंड के सुदूर ग्रामीण गांव रिमड़ा टोला बाड़ेदा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए पेयजल संकट उत्पन्न हो गया पोटका प्रखंड अंतर्गत जंगल किनारे स्थित गांव रिमडा़ के टोला बाड़ेदा में लगभग 300 लोग निवास करते हैं गांव में जनजल योजना के तहत 4000 लीटर का एक जल मीनार बना है वह भी एक घंटा ही पानी देता है वही 14वें वित्त आयोग के पैसे से एक जल मीनार का निर्माण किया गया है जो सफेद हाथी साबित हो रहा है कई बार स्थानीय लोगों द्वारा जनप्रतिनिधियों को इसकी शिकायत की गई मगर सुनने वाला कोई नहीं है गांव की महिलाएं कहती हैं कि जब बाहर से हमारे गांव में कोई भी लोग आते हैं तो हम लोग पीने का पानी देने के लिए भी सोचना पड़ता है यह सोचना पड़ता है कि अगर हम उसे पीने का पानी दे दे तो हम पिएंगे क्या यानी महिलाएं सुबह के 4:00 बजे से उठकर तीन- से चार घंटा परेशान होकर कड़ी मशक्कत करती है सिर्फ पीने का पानी के लिए मगर फिर भी नहीं मिल रहा है पीने का पानी ।

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