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सरायकेला-खरसावां (संजयकुमार मिश्रा)  जरा सी बारिश के बाद सिविल कोर्ट परिसर में जलजमाव की समस्या लगातार जारी है। इसके स्थाई समाधान को लेकर सरायकेला नगर पंचायत कार्यालय में नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी की अध्यक्षता में एक बैठक की गई। जिसमें सरायकेला सिविल कोर्ट परिसर में पिछले कई वर्षों से बारिश के दिनों में जलजमाव के कारण न्यायिक पदाधिकारियों, न्यायिक कर्मचारियों और अधिवक्ताओं के साथ साथ न्यायालय कार्य के लिए आए हुए लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बैठक में जलजमाव के कारण एवं स्थाई समाधान के विषय पर विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया गया कि इस संबंध में उपायुक्त को पत्र लिखकर समस्या की जानकारी देते हुए निदान की मांग की जाएगी। इस संबंध में नगर पंचायत उपाध्यक्ष द्वारा उपायुक्त को पत्र लिखकर न्यायिक पदाधिकारियों, बार एसोसिएशन के प्रतिनिधि, नगर पंचायत के प्रतिनिधि सहित भवन या अन्य संबंधित विभागों के अभियंताओं के साथ बैठक कर समस्या को दूर करने का अनुरोध किया जाएगा। इस अवसर पर बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता कामाख्या प्रसाद दुबे, अधिवक्ता ओम प्रकाश, अधिवक्ता केदारनाथ अग्रवाल, सिटी मैनेजर सुमित सुमन एवं नगर पंचायत के अभियंता रामाकांत कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे।
मामले के संबंध में नगर पंचायत उपाध्यक्ष श्री चौधरी ने व्यक्तिगत रूचि लेते हुए बताया है कि यदि सिविल कोर्ट परिसर में जलजमाव की स्थिति बरकरार रहे तो सिविल कोर्ट को भी अन्य कार्यालयों की भांति शहर से बाहर दूर कहीं पर स्थापित कर दिया जाएगा। जो काफी दुखद होगा। उन्होंने बताया कि राजा रजवाड़े द्वारा स्थापित सरायकेला नगर का इतिहास गौरवशाली रहा है। लेकिन पूर्ववर्ती जनप्रतिनिधियों ने इस गौरव को बरकरार रखने के लिए कभी भी प्रयास नहीं किया। अनुमंडल के बाद वर्ष 2001 में सरायकेला के जिला घोषित होने के समय लगभग सभी विभाग के कार्यालय सरायकेला नगर में स्थित है। लेकिन विभागीय कार्यालय के रखरखाव नहीं करने के कारण जर्जर होते चले गए। और जर्जर भवनों एवं अन्य समस्याओं का हवाला देकर लगभग सभी कार्यालय को एक साजिश के तहत शहर से दूर अन्य स्थानों पर स्थापित कर दिया गया। उन्होंने विश्वास दिलाया है कि जिस प्रकार सरायकेला वासियों के जन सहयोग से सरायकेला अनुमंडल कार्यालय भवन को नगर क्षेत्र में संघर्ष के साथ वापस लाने का कार्य किया गया है। उसी प्रकार सभी के सहयोग से अगले साल की बारिश तक सिविल कोर्ट परिसर में जलजमाव नहीं हो सके इसके लिए भरसक प्रयास करने का आश्वासन उन्होंने दिया है।

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