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देवोत्थान एकादशी पर चातुर्मास शयन से जागे भगवान श्री हरि विष्णु; मंदिरों में हुई पूजा

अर्चना…

इसी के साथ शुरू हुए मांगलिक कार्य; इस साल मात्र 3 दिन बजेगी शहनाई।

सरायकेला। देवोत्थान एकादशी पर भगवान श्री हरि विष्णु के चातुर्मास शयन से जागने की धार्मिक मान्यता के साथ सरायकेला के विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। इसके तहत श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में पुजारी पंडित बृज मोहन शर्मा द्वारा श्रद्धालुओं की उपस्थिति में माता लक्ष्मी और भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना करते हुए देवोत्थान एकादशी पर कथा वाचन किया गया। इसी प्रकार प्राचीन जगन्नाथ श्री मंदिर में प्रातः बेला से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। जहां श्री मंदिर के पुजारी पंडित ब्रह्मानंद महापात्र द्वारा विधि विधान के साथ भगवान श्री जगन्नाथ की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर भगवान श्री जगन्नाथ सहित बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को नए वस्त्र धारण कराए गए। देर शाम तक उक्त मंदिरों में भक्तों का आना लगा रहा। और इस दौरान पूजा अर्चना के कार्यक्रम किए जाते रहे।

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तुलसी विवाह का हुआ आयोजन:-
इस अवसर पर संध्या बेला में धार्मिक रीति रिवाज से तुलसी विवाह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें शालिग्राम सहित गौर तुलसी और श्याम तुलसी का विधिवत मंत्रोच्चार के बीच विवाह संपन्न कराया गया। साथ ही भोग प्रसाद के चढ़ावा चढ़ाए गए।

शुरू हुए मांगलिक कार्य:-
देवशयनी एकादशी से चातुर्मास बंद रहे मांगलिक कार्यों का शुभारंभ देवोत्थान एकादशी के साथ शुरू हो गया। पंचांग वाचक पंडित बृजमोहन शर्मा बताते हैं कि इस वर्ष 2022 में शुक्र अस्त होने से पूर्व तीन तिथियां विवाह के लिए श्रेष्ठ देखी जा रही है। जिसके तहत आगामी 8, 9 एवं 14 दिसंबर को विवाह की शहनाई बज सकेगी।

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