Spread the love

दवा नहीं दबाव का जादू है एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स….

नामकुम (अर्जुन कुमार )। प्रखण्ड के टाटीसिलवे स्थित भारतीय एक्यूप्रेसर योग परिषद झारखंड शाखा के सचिव डॉ मधुसूदन पांडेय ने बताया कि किसी तरह की दवा नहीं बल्कि शरीर के विभिन्न अंगों के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव के जरिए हर बीमारी का उपचार किया जाता है एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति में दवा नहीं दबाव का जादू है एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स, मिनटों में दर्द को करेगा छूमंतर आजकल की व्यस्त जीवनशैली में असंतुलित खानपान, प्रतिस्पर्धी माहौल व आफिस में काम के तनाव के कारण शारीरिक व मानसिक समस्याओं के बढ़ते मामलों के बीच प्राचीन भारत की यह चिकित्सा पद्धति तेजी से लोकप्रिय हो रही है। एक्यूप्रेशर उपचार पद्धति ऊर्जा के सिद्धांत पर आधारित है।

हमारा मस्तिष्क संपूर्ण शरीर में ऊर्जा को संचारित करता है। किसी कारणवश जब इस ऊर्जा में असंतुलन उत्पन्न हो जाता है, तब पंचतत्वों से बने शरीर को व्याधि घेर लेती है। एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति से इलाज में एक्यू बिंदुओं पर दबाव देकर इसी ऊर्जा में स्पंदन करके रोगों को दूर किया जाता है। सहायक एक्यूप्रेसर चिकित्सक डॉ नरेश महतो ने बताया थेरेपी की विधियां एक्यूप्रेशर में शरीर के जिन बिंदुओं पर दबाव देकर उपचार किया जाता है, उन्हें एक्यू प्वाइंट्स कहते हैं। जब इन बिंदुओं पर मेथी दाना, चना, मटर, राजमा को पेपर टेप से चिपका कर उपचार करते हैं तो यह सीड थेरेपी कहलाता है ।

कुछ रोगों में जब छोटे मैग्नेट लगाकर उपचार किया जाता है तो उसे मैग्नेट थेरेपी और जब विभिन्न रंगों को लगाकर थेरेपी दी जाती है तो उसे कलर थेरेपी कहा जाता है। तनाव से उबारने में मददगार एक्यूप्रेशर पद्धति से सिर्फ शारीरिक व्याधियों का ही निदान सुनिश्चित नहीं किया जाता, बल्कि तनाव, अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं में भी इसके प्रयोग से राहत मिलती है। 

Advertisements

You missed