सिकली के सीएनटी जमीन हुआ मुक्ति, दखल-देहानी का मामला रामनवमी के विधिव्यवस्था में फंसा, जमीन मालिक को अगले आदेश का इंतिजार, अंचल कर्मचारियों पर गुस्सा फुटा कहा अब नहीं होता इंतिजार….
चाण्डिल (परमेश्वर साव): सीएनटी जमीन पर भूमाफिया पीछले कई बसों जबरन कब्जा करते रहा है । जिसे लेकर कई मामला न्यायलय में लम्बित है । भगवान की कृपा पर न्यायलय से न्याय मिल जाती है तो सम्पति पर अधिकार दिलाने वाले बाबू का अत्याचार की शुरूवात होती है । ऐसे में गरीब और अनपढ़ आदिवासी समुदाय आखिर में इन बाबूओं के खिलाफ आवाज बूलन्द नहीं कर सकते… बाबू की मर्जी के बिना नहीं चल सकते ।
ऐसा ही ममला चाण्डिल प्रखण्ड के सिकली की है वर्षो की उम्मीद लेकर जमीन मापी को लेकर घंटो इंतिजार करता रहा । की न्यायलय के द्वारा वर्षो बाद अपने पुतैनी जमीन पर अपना हक वापस मिलेगी । आंखे थक गई पर सरकारी बाबू नहीं दिखा । थक हारकर सीआई को फोन किया गया जवाब में मिला रामनवमी की विधिव्यवस्था में लगे है अभी नापी नहीं हो सकता है सर बोले ।
बता दे कि की सुमित्रा भूमिजानी पक्षकार कालो मुण्डा के द्वारा वर्ष 2012-13 में अपर उपायुक्त सरायकेला न्यायालय में एसएआर (सीएनटी एक्ट) के तहत् मौजा सिकली, रकवा 0.05 एकड़ खाता संख्या 27 प्लॉट 98 पर एसआर अपील सं0 4,5,6,7 के आधार पर अचंलाधिकारी कार्यालय के द्वारा 27/03/2023 को पूर्वाह्न 11 बजे निर्धारित किया गया था और विभागिय पत्र भी निर्गत किया गया था ।
वही इस मामले को लेकर कालो मुण्डा ने कहा की वर्षो से अपनी पुस्तैनी जमीन पर अधिकार के लिए दौड़ता रहा है जब अधिकार मिला तो पदाधिकारी दखल देहानी को लेकर समय अवधि को खिंचने का काम कर रहे है । वही बताया की फोन पर सीई सपन मिश्रा से बात किया तो बताया कि रामनवमी की विधिव्यवस्था में सीओ साहाब लगे है । अगला तारिख निधारित किया जायेगा । वही कालो मुण्डा ने कहा रामनवमी की तिथि प्रत्येक वर्ष निधारित रहता है । तो फिर ऐसे तिथि निर्गत कर हम आदिवासीयों को गुमराह और मासिक प्रताड़ित किया जा रहा है । ताकी विपक्ष पार्टी को समय मिले और फिर से लम्बे समय तक न्यायलय का चक्कर काटना पड़ा ।
वही दखल देहानी को लेकर पहुंचे हरेकृष्ण सरदार बीस सूत्री समिति नीमडीह अध्यक्ष ने कहा की न्यायलय के द्वारा न्याय प्राप्त होते ही दखल देहानी दिलाने की प्रक्रिया की समय निर्धारित किया जा । यदि ऐसा नही होता है तो अंचलाधिकारी सहित संवंधित कर्मचारियों पर न्यायलय के आदेश अवेहना का मामला दर्ज का प्रावधान लाया जाए ताकी गरीब आदिवासीयों का मासिक प्रताड़ना न हो । वही उन्होनें कहा की जल्द कालो मुण्डा को अधिकार अंचल द्वारा नहीं दिलाया जाता है तो अदिवासी प्रताड़ना का मामला दर्ज करेगें ।