झीमड़ी में रात्रि विश्राम के बाद शुरू हुई दूसरे दिन की पदयात्रा…
सरायकेला। वीर शहीद रघुनाथ महतो यूथ ब्रिगेड छोटानागपुर के तत्वाधान एवं आदिवासी कुड़मी समाज के सहभागिता में नीमडीह प्रखंड अंतर्गत क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो के जन्मस्थली घुंटियाडीह गांव से सिल्ली प्रखंड अंतर्गत शहीदस्थल गढ़तेंतेर (लोटा-कीता) गांव तक का (सेउरने डहर बेढ़ा) शहीदस्मृति में पांच दिवसीय पदयात्रा झिमड़ी में रात्रि विश्राम के बाद सैंकड़ों ग्रामीणों ने मिट्टी संग्रह कलश को माल्यार्पण कर एवं श्रद्धा सुमन अर्पित कर आगे की पड़ाव के लिए श्रद्धा पूर्वक विदा किए। द्वितीय दिवस के ठहराव इचागढ़ प्रखंड के तिरुलडीह कॉलेज परिसर मेंं होगा। 3 अप्रैल को राड़ु नदी तट पर, 4 को मुरी स्टेशन में एवं 5 अप्रैल शहादत दिवस के दिन वीर शहीद रघुनाथ महतो के शहीद स्थल गढ़तेंतेर (लोटा-कीता) में कार्यक्रम का समापन धूमधाम से किया जाएगा।
झीमड़ी से विदा करते हुए आदिवासी कुड़मी समाज के जिला प्रभारी प्रभात कुमार महतो ने कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं। इसलिए हमें ऐसे क्रांतिवीर जिन्होंने 5 अप्रैल को चुआड़ विद्रोह का नेतृत्व एवं संघर्ष करते हुए सन् 1778 को सिल्ली प्रखंड अंतर्गत लोटा ग्राम के गढ़तेंतेर नामक स्थान पर एक सभा के दौरान अंग्रेज सैनिकों के गोलीबारी से शहीद हुए। आज भी लोग उनके शहीद स्मारकों में हर साल जाकर श्रद्धा पूर्वक श्रद्धांजलि अर्पण करते हैं। आज हम सभी के आंगन से होकर उसके श्रद्धालुओं का हुजूम उनके चरणों का धुल लेकर आए।
यही हम सबों की खुश नसीबी है। यात्रा के दौरान चुआड़ विद्रोह व प्रथम स्वतंत्रता सेनानी क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो के जन्मस्थाल से अर्जुन महतो, रमेश महतो, रक्षित महतो 3 भक्तों ने मिट्टी संग्रह कर साथ में 100 मीटर की तिरंगा झंडा को सम्मान सहित सिर के ऊपर लहराते हुए 150 यूथ ब्रिगेडों की समुह गंतव्य स्थान के आगे बढ़ें। झिमड़ी से सिंदूरपुर, काड़का, छातारडीह में शहीद रघुनाथ महतो के प्रतिमूर्ति पर माल्यार्पण करने के पश्चात् सिरुम, कुकड़ु एवं तिरुलडीह में शहीद अजित-धनंजय महतो के प्रतिमूर्तिओं पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पण करते हुए आगे बामुडीह के बाद तिरूलडीह कॉलेज विश्राम स्थल पर पहुंचे। मौके पर आदिवासी कुड़मी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष अनंत काड़ुआर, अशोक पुनअरिआर, गुणधाम मुतरुआर, प्रभात महतो, सीमन्त महतो, जयचांद बांसरिआर, कलेश्वर काड़ुआर, दिलीप चिलबिंधा मुख्य रूप से उपस्थित रहे।