Spread the love

चाइल्डलाइन सरायकेला-खरसावां द्वारा खुला मंच का किया गया आयोजन . . .

सरायकेला। जिला चाइल्डलाइन के तत्वाधान रविवार को गम्हरिया प्रखंड के टीरिंगटिपा ग्राम मे खुला मंच का आयोजन किया गया। जिसमें चाइल्डलाइन के सदस्य अजीत कवि एवं लक्ष्मी मुर्मू ने कहा कि चाइल्डलाइन 1098 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत बच्चों के देखभाल व संरक्षण हेतु पूरे भारतवर्ष में चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन की मदद से चलाया जा रहा है। 1098 बच्चों के लिए 24 घंटे दिन-रात मुफ्त राष्ट्रीय आपातकालीन फोन सेवा है। ओपन हाउस का उद्देश्य बच्चों की अभिव्यक्ति को प्रदर्शित करने में उनकी मदद करना व उनके क्षेत्र में जिन मुद्दों से बच्चे प्रभावित होते हैं उनके बारे में जानना तथा बच्चों द्वारा चाइल्ड लाइन 1098 का मूल्यांकन करना है। जिसमें चाइल्डलाइन सरायकेला-खरसावां द्वारा खुला मंच में चित्रांकन प्रतियोगिता बच्चों के बीच किया गया। प्रतियोगिता कर बच्चों को चित्रांकन के प्रति उनका ध्यान आकर्षित किया गया।

Advertisements
Advertisements

जिसमें मुख्य रूप से सेविका अंजली देवी द्वारा बच्चों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार देकर बच्चों को सम्मानित किया गया। एवं बाकी बच्चों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। जिसको देखकर दूसरे बच्चों में चित्रांकन, पढ़ाई एवं खेल के प्रति उनका ध्यान और भी बढ़ता देखा गया। ग्राम टीरिंगटिपा के बच्चों ने तरह-तरह की चित्रांकन कर अपनी अपनी प्रतिभा दिखाएं। जिला चाइल्डलाइन के सदस्य अजीत कवि ने बच्चों और ग्रामीणों को बच्चों के अधिकारों की जानकारी दिए। बताएं कि बच्चों के चार अधिकार होते हैं।

जिसमें जीने के अधिकार के तहत जीने के अधिकार,बेहतरीन स्वास्थय का अधिकार, पोषण का अधिकार, सही जीवन जीने का अधिकार एवं एक नाम और एक राष्ट्रीय का अधिकार तथा विकास का अधिकार के तहत शिक्षा का अधिकार, बचपन में देखभाल और सहायता का अधिकार, सामाजिक सुरक्षा का अधिकार एवं आमोद–प्रमोद, मनोरंजन और संस्कृतिक गतिविधियों का अधिकार एवं सुरक्षा के अधिकार के तहत शोषण से मुक्ति का अधिकार,उत्पीड़न से मुक्ति का अधिकार, अमानवीय या अपमानजनक बर्ताव से मुक्ति का अधिकार, उपेक्षा से मुक्ति का अधिकार तथा इमरजेंसी या अपंगता आदि खास हालात में विशेष सुरक्षा का अधिकार और सहभागिता के अधिकार के तहत बच्चे की सोच का सम्मान करना, उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देना, उसे सही सूचनाएं देना एवं वैचारिक और धार्मिकता स्वतंत्रता का अधिकार शामिल है। उन्होंने बताया कि ये सभी अधिकार एक दुसरे पर आश्रित हैं। उन्हें एक दुसरे से अलग नहीं किया जा सकता।

Advertisements

You missed