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जिला मुख्यालय सरायकेला में बदस्तूर जारी है अवैध लॉटरी का कारोबार…

अपनी बेरोजगारी दूर करने की दुहाई देकर हजारों के घर उजाड़ रहे हैं लगभग दो दर्जन लॉटरी एजेंट…

 

सरायकेला संजय मिश्रा  : ऐसे तो पूरे जिले में अवैध लॉटरी का कारोबार लम्बे समय से निरंतर फलता फूलता आ रहा है, कभी कभार जब भी प्रशासन की क्षणिक सख्ती एवं पुलिसिया दवाब पड़ती है, इस धंधे से जुड़े लोग कुछ दिनों तक अतिरिक्त सावधानी बरतते हैं। इसके बाद पुनः दोगुनी गति से यह कारोबार शुरू हो जाती है। समय समय पर कुछ सामाजिक कार्यकर्ता एवं राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि भी इस अवैध धंधे पर रोक लगवाने की मांग प्रशासन से करते रहे हैं। चर्चा यह भी है कि अपने वोट बैंक के असंतुलित होने के भय से इनकी आवाजें भी थम जाती हैं।

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बाजार की चर्चा की मानें तो जिला मुख्यालय सरायकेला में इस कारोबार के लगभग चार थोक विक्रेता हैं। लगभग दो दर्जन एजेंट बाजार क्षेत्र में इनसे लॉटरी लेकर अपने ग्राहकों तक पहुंचाते हैं। किसी एक जगह लॉटरी बेची नहीं जाती। सभी एजेंटों के क्षेत्र बंटे हुए हैं जिसमें ईमानदारी के साथ ये अपने अवैध कारोबार को अंजाम देते हैं। बताया यह भी जाता है कि प्रतिदिन लगभग पांच लाख का यह अवैध कारोबार चलता है। इस अवैध कारोबार के बंद नहीं होने का एक कारण यह भी बताया जाता है कि इसके कारोबारी अगर दर्जनों में हैं तो ग्राहक सैकड़ों की संख्या में हैं तथा संख्या में निरंतर वृद्धि जारी है।

अवैध लॉटरी खेला के जो ग्राहक बड़े या मझौले कारोबारी हैं उन्हें तो हार या जीत का विशेष फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन मजदूर वर्ग के अनेक लॉटरी ग्राहकों के कभी कभी घर में चूल्हे नहीं जलते एवं कलह उत्पन्न होता देखा जा रहा है। जो अपने दिन भर की मेहनत की गाढ़ी कमाई के पैसों से लॉटरी खेल कर रातो रात अमीर बनने और लग्जरियस लाइफ जीने के सपने देखते हुए अपने घरों को तबाह कर रहे हैं। इन दिनों अवैध लॉटरी के इस कारोबार को नए नए एजेंट ग्रामीण क्षेत्र तक भी फैलाने लगे हैं।

कोल्हान प्रमंडल में ही पूर्वी सिंहभूम एवं पश्चिमी सिंहभूम जिलों में समय समय पर अवैध लॉटरी के कारोबारी पुलिस प्रशासन की गिरफ्त में आते रहे हैं। लेकिन प्रमंडल के तीसरे जिले सरायकेला-खरसावां में इस कारोबार को करने वाले इतने शातिर हैं कि निरंतर प्रशासन की नजरों से अपने को बचाए हुए हैं। या फिर माना जाए कि इन्हे ऐसा करने की समाज के हर तबके से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग मिल रहा है।

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