विस्थापितों के साथ राज्यपाल की हुई सकारात्मक वार्ता , राजभवन के निर्देश के बाद जल संसाधन विभाग ने जिम्मेदारी संभाली…
चांडिल:कल्याण पात्रा
अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के संस्थापक सह अध्यक्ष राकेश रंजन महतो के नेतृत्व में पिछले 5 दिन से आमरण अनशन कर रहे चांडिल डैम विस्थापितों का महामहिम राज्यपाल से सकारात्मक वार्ताएं हुई। राजभवन के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जल संसाधन विभाग को अपना निर्देश जारी किया और सभी बिंदुओं को समझने के लिए विभाग को कहा। 10 सूत्री मांगों में से वर्तमान में मुख्य चार बिंदुओं के लिए तत्काल कार्यान्वयन हेतु आदेश जारी करने की बातें हुई।
देर शाम श्री प्रशांत कुमार,सचिव, डब्ल्यूआरडी से सकारात्मक वार्ता होने के बाद अधिवक्ता मदन महतो ने जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। 10 सूत्री मांगों में से पहला चांडिल डैम द्वारा विस्थापन के बदले में मिला मुआवजा, प्राप्त नौकरी, निर्गत विकास पुस्तिका, प्राप्त पुनर्वास पैकेज तथा पुनर्वास स्थल पर आवंटित किया गया प्लॉटों का विभागीय जांच होना।
दुसरा चांडिल डैम के माध्यम से सृजित होने वाले हर योजना में रोजगार और लाभ का पहला अधिकार चांडिल डैम विस्थापितों को प्राप्त होना तीसरा चांडिल डैम से प्रभावित 84 मौजा के 116 गांव के रिसर्वे और चौथा चांडिल डैम विस्थापितों का संपूर्ण समस्या का समाधान ना होने तक डैम का जलस्तर 183 आरएल ना बढ़ाना।
गौरतलब है कि 30 अक्टूबर सोमवार को नामकुम रेलवे स्टेशन से जाकिर हुसैन पार्क राजभवन रांची तक शांतिपूर्ण तरीके से विस्थापितों ने अधिकार पदयात्रा करने के बाद राजभवन के समक्ष जाकिर हुसैन पार्क में 10 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे हुए थे। इसके लिए 17 अक्टूबर को 10 सूत्री मांग पत्र के साथ महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया।
जिसका प्रतिलिपि अनुमंडल पदाधिकारी रांची व नगरनिगम आयुक्त रांची को भी दिया गया। मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने कहा कि मंच के बैनर तले चांडिल डैम के 84 मौजा 116 गांव के विस्थापित पिछले 16 जून 2023 से चांडिल डैम स्थित पुराना अधीक्षक कार्यालय परिसर में 122 दिन तक अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे थे। परंतु विस्थापितों की मांगों को लेकर विभाग एवं सरकार द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं किया गया ।
इस विषय के संदर्भ में दिनांक 1 अक्टूबर 2023 को धरना स्थल चांडिल से 3 अक्टूबर 2023 राजभवन रांची तक शांतिपूर्ण एवं संवैधानिक तरीके से अधिकार पदयात्रा भी किया गया पर महामहिम से वार्ता नहीं हो सका और न ही वार्ता के लिए महामहिम के कार्यालय से कोई पहल किया गया था। जबकि एक दिवसीय सत्याग्रह धरना-प्रदर्शन के दौरान महामहिम राज्यपाल के व्यक्तिगत सहकर्मी के द्वारा कहा गया कि चार दिन उपरांत ही सभी विस्थापितों की समस्याओं को सुनेंगे। परंतु आज 30 दिन बीत जाने के वावजूद भी हमें न ही कोई सूचना और न ही विस्थापित के हितों में सरकार की तरह से कोई ठोस कदम उठाया गया।
अनिश्चितकालीन आमरण अनशन में बैठने वाले विस्थापितों में मंच के संस्थापक सह अध्यक्ष राकेश रंजन , विवेक सिंह बाबू, रबनी भुइयां, बिलासी भुइयां, सीतामनी देवी मंगला महतो, अचला महतो, मनोहर महतो , सागर महतो, राजीव महतो, मुचीराम महतो तथा उनके समर्थन में सैकड़ो महिला ,बुजुर्ग, पुरुष विस्थापित उपस्थित थे।