सरायकेला। सरायकेला प्रखंड अंतर्गत पांड्रा पंचायत के हेस्सा गांव का एक चापाकल बीते फरवरी महीने से खराब पड़ा हुआ है। खराब पड़े हुए चापाकल पर गांव के 12 परिवारों की निर्भरता है। जो वर्तमान में पास के तालाब और कुएँ से पानी की आवश्यकता पूरी कर रहे हैं। क्षेत्र में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए गांव के ही स्थानीय ग्रामीण तथाकथित मैकेनिक अपनी तरह से चापाकल की मरम्मति कर पेयजल की आवश्यकता के लिए सुचारू किए हुए हैं। गांव के निवासी भूतपूर्व सैनिक शंकर सोय बताते हैं कि खराब पड़े चापाकल को लेकर उनके द्वारा विभाग को भी सूचना दी गई थी। जिस पर विभाग द्वारा पंचायत स्तर पर प्राप्त फंड के आधार पर चापाकल की मरम्मति का काम होने के बात कही गई थी। परंतु 3 महीने बीत जाने के बाद भी चापाकल मरम्मति को लेकर कोई पहल नहीं की गई। जिसके बाद गांव के ही मैकेनिकों के माध्यम से चापाकल की मरम्मति की गई है। जिसमें चापाकल के अंदर के 3 पाइप पूरी तरह से डैमेज हो चुके हैं। जिसे ट्यूब बांधकर और अन्य उपायों के साथ टेंपरेरी तौर पर सुचारू किया गया है। और इससे निर्भर परिवारों के पेयजल की आवश्यकता कुछ हद तक पूरी हो पा रही है। बढ़ रही गर्मी के साथ यदि जल्दी ही खराब पड़े चापाकल को ठीक नहीं किया गया तो संबंधित 12 परिवारों के समक्ष पेयजल संकट उत्पन्न हो सकने की बात उन्होंने बताई है।
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