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खेत की मूली निकालने गए ग्रामीण को जंगली हाथियों ने किया घायल

वन विभाग करा रहा है इलाज

सरायकेला क्षेत्र में जंगली गजराजों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी मानव जाति और जंगली हाथियों के अस्तित्व के द्वंद में मंगलवार की तड़के प्रातः जंगली हाथियों के एक झुंड ने हुदू पंचायत अंतर्गत मनोहरपुर गांव के 41 वर्षीय सोम हांसदा को पटक कर बुरी तरह से घायल कर दिया। घटना मंगलवार की तड़के प्रातः 5:30 बजे की बताई जा रही है। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि सोम हांसदा अपने घर के सामने ही अपने बाड़ी से मूली निकालने के लिए गए हुए थे। तभी लौटने के क्रम में घने कोहरे के बीच जंगली हाथियों के एक झुंड से उनका सामना हो गया। जिसके बाद जंगली हाथियों ने उन्हें उठाकर पटक दिया। इस दौरान भारी मशक्कत से भागकर सोम ने अपनी जान बचाई। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम फॉरेस्टर त्रिदीप महतो के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंची। जहां से घटना में बुरी तरह से घायल सोम को त्वरित इलाज के लिए जमशेदपुर के एमजीएम लाया गया। इसके साथ ही मौके पर पहुंचे सरायकेला वन क्षेत्र के रेंजर प्रकाश चंद्र की उपस्थिति में वन विभाग द्वारा सोम का इलाज एमजीएम जमशेदपुर में करवाया जा रहा है।

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मानव जाति और जंगली गजराज के बीच जिले में जारी है द्वंद :-

 

किसने किसके क्षेत्र पर आधिपत्य किया को लेकर जिले में मानव जाति और जंगली गजराजों के बीच द्वंद का सिलसिला जारी है। 3 दिन पहले ही सरायकेला रेंज अंतर्गत भालूकपहाड़ी के महुलपानी निवासी 40 वर्षीय स्वर्गीय विभीषण महतो इस द्वंद की भेंट चढ़ चुके हैं। इसी घटना के जंगली हाथियों के झुंड द्वारा सोम हांसदा को घायल करने की घटना को अंजाम दिया गया बताया जा रहा है। फॉरेस्टर त्रिदीप महतो बताते हैं कि दो दलों में बटे जंगली हाथियों के एक दल में 11 जंगली हाथियों का झुंड सफर कर रहा है। जब भी दूसरा दल अपने झुंड से बिछड़े हुए एक अकेले जंगली हाथी का है। जो बीते दिनों भालूकपहाड़ी क्षेत्र से सफर करते हुए हुदू पंचायत के मनोहरपुर क्षेत्र तक बीते सोमवार की देर रात पहुंचा है।

वन विभाग द्वारा किया जा रहा है लगातार जागरूक :-

जंगली हाथों से सुरक्षा को लेकर वन विभाग द्वारा जंगल से सटे ग्रामीण इलाकों में लगातार ग्रामीणों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। जिसे लेकर ग्राम वन रक्षा समिति का गठन भी किया गया है। फॉरेस्टर त्रिदीप महतो बताते हैं कि जागरूकता के तौर पर ग्रामीणों को रात्रि या कोहरे के बीच घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जा रही है। साथ ही पहुंचे जंगली हाथियों से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करने या नहीं भड़काने की सलाह दी जा रही है। इसके अलावा जंगली हाथियों को देखकर पूजा-पाठ जैसी गतिविधि नहीं करने की सलाह दी जा रही है। जंगली हाथियों की क्षेत्र में पहुंचने की सूचना तत्काल वन विभाग को दिए जाने को लेकर संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों में फोन नंबर उपलब्ध कराए गए हैं।

नहीं बन सका एलीफेंट कोरिडोर

जिले में जंगली गजराजों का आगमन सीजनल रहा है। जो एक निश्चित जंगल क्षेत्र मार्ग से होकर भोजन की तलाश में पश्चिम बंगाल से जिला होते हुए उड़ीसा और वापस उड़ीसा से जिला होते हुए पश्चिम बंगाल तक के लिए आवागमन करते हैं। इनका प्रमुख सीजन धान की खेती के समय का होता है। जब धान की फसलें खेतों में तैयार होती हैं तो भोजन की तलाश के लिए जंगली हाथियों का झुंड विचरण करता है। जिसे लेकर वन विभाग द्वारा महत्वाकांक्षी एलीफेंट कॉरिडोर बनाए जाने की तैयारी पूर्व में की गई थी। परंतु इस दिशा में प्रयास अब तक शून्य बना हुआ बताया जा रहा है।

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