रबर इंडस्ट्रीज में सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स और लघु उद्योग संघ चाकुलिया की बैठक का आयोजन, बैठक में उद्योग संबंधित समस्या का निदान के लिए सरकार को ज्ञापांक सौपने का लिए निर्णय…
चाकुलिया (विश्वकर्मा सिंह प्रदीप) चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र के हाटचाली रोड में स्थित प्रदीप रबर इंडस्ट्रीज परिसर में विगत शुक्रवार को सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स और लघु उद्योग संघ चाकुलिया की एक बैठक दुर्गादत्त लोधा की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में चाकुलिया के उद्यमी और व्यापारियों ने सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याओं को रखा और समाधान करने की मांग की. इस मौके पर सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय आनंद मुनका ने कहा कि चाकुलिया और बहरागोड़ा के एयरपोर्ट को पुनः शुरू कराने की दिशा में संस्था के पदाधिकारियों ने उड्डयन विभाग के मंत्री और पदाधिकारी से मिलकर मांग की है. संस्था का मुख्य उद्देश्य व्यापार और क्षेत्र का विकास करना है और इसी तर्ज पर संस्था वर्षो से कार्य कर रही है. जमशेदपुर के बाद औद्योगिक नगरी के रूप में चाकुलिया की पहचान है.
परंतु कुछ खामियां के कारण यहां का व्यापार और उद्योग सिमट रहा है. संस्था सरकार और उद्योग के बीच एक कड़ी के रूप में काम करती है जो समय समय पर उद्योग और व्यापार से जुड़ी समस्याओं को सरकार के समक्ष रखकर समाधान करने का काम करती रही है. बैठक में उद्योग और व्यापार से जुड़ी समस्याओं को जल्द ही वे सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स की और से संबंधित पदाधिकारी को पत्राचार कर अवगत कराने का काम करेंगे. बैठक में लघु उद्योग संघ चाकुलिया के प्रतिनिधियों ने सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों को स्थानीय समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंपा.
सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि चाकुलिया स्थित लघु उधोगों में कार्यरत कर्मचारी एवं मजदूरों का कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंर्तगत कई वर्षों से बीमा कराया गया है एवं प्रत्येक माह इसका नियमित भुगतान किया जा रहा है. लेकिन कर्मचारियों को राज्य बीमा निगम द्वारा स्थानीय स्तर पर कोई भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गयी है और ना ही किसी चिकित्सक की बहाली की गयी है. इससे उद्योंगों के संचालकों को अपने स्तर से कर्मचारी का इलाज दूसरे राज्यों में करवाना पड़ता है. इससे बीमा राशि का भुगतान भी उद्योगों के सचालक को ही करना पड़ता है. चाकुलिया में कई छोटे छोटे हस्तनिर्मित बाटी साबुन बनाने के कारखाने हैं. परन्तु इन साबुन पर जीएसटी लग जाने के कारण यहां के हस्तनिर्मित साबुन उद्योग संकट का सामना कर रहा हैं. यहां निर्मित बाटी साबुन को झारखंड सरकार द्वारा क्रय करते हुए जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों के माध्यम से वितरण किया जाय. यहां अवस्थित मिलों द्वारा झारखंड सरकार की धान अधिप्राप्ति योजना के अंर्तगत सीएमआर कार्य किया जा रहा है. विगत दो साल से सीएमआर से संबधित कार्यों का मिलरों को भुगतान नहीं किया गया है.
बावजूद, अधिकारियों के दबाव में इस वर्ष भी सीएमआर कार्य करने को बाध्य हैं. इस बैठक का संचालन दिपक कुमार झुनझुनवाला ने किया. इस मौके पर गणेश रूंगटा, संजय लोधा, सुभाष लोधा, भरत रूंगटा, अमित भारतीय, राजेश लोधा, रवि झुनझुनवाला, लिप्पू शर्मा, विनोद शर्मा, आनंद सेकसेरिया, निर्मल खंडेलवाल, निरंजन मंडल, आलोक लोधा, प्रदीप शर्मा, विनोद कुमार, विकास अग्रवाल, अनुप अग्रवाल समेत अन्य उपस्थित थे.