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श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण सचिव राजेश शर्मा से मजदूरों की जगी उम्मीदें…

आदित्यपुर – ए के मिश्र ।  एशिया महादेश की सबसे बड़े औद्योगिक घराना आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विख्यात और प्रख्यात है। जिसको मजदूरों का शहर लोह नगरी जमशेदपुर कहा जाता है। जहां अब मजदूरों को अपने हक और न्याय जल्द मिलने की उम्मीदें, झारखंड सरकार के श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव राजेश शर्मा से जगी है।2003 बैच के तेजतर्रार कर्मठ कर्तव्यनिष्ठ कड़क आईएसए के रूप में जाने जाने वाले राजेश कुमार शर्मा के औद्योगिक नगरी आदित्यपुर के ऑटोक्लस्टर में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचने से आशा, उम्मीद और न्याय की किरणें दिखाई देने लगी है। मजदूरों की उम्मीद है की सरायकेला खरसावां उपायुक्त रहते हुए जिस तरह राजेश शर्मा ने मजदूरों की हित में और सभी को न्याय दिलाने के लिए त्वरित कार्रवाई करते थे।

उन्हीं कार्यों को याद कर मजदूर आशावानित है कि अब पूरे झारखंड के मजदूरों को अब हक न्याय और उनके अधिकार मिलेंगे। आदित्यपुर ऑटोक्लस्टर में संबोधित करते हुए श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि अधिसूचना अवधि से पहले कंपनियों में कितने बाहरी और स्थानीय कर्मचारी थे, वर्तमान में सरकार ये आंकड़े नहीं देखना चाहती। लेकिन अधिसूचना जारी होने के 3 वर्षों में कंपनी में कुल मैन पावर में 75% स्थानीय निवासियों को रोजगार देने के लिए प्रबंधन किस तरह की पहल कर रहा है इसकी स्पष्ट जानकारी उन्हें पोर्टल के माध्यम से देनी होगी ।

वही सचिव राजेश शर्मा ने साफ किया कि पूरी व्यवस्था ऑनलाइन है, इसलिए इस तरह की पहल से इंस्पेक्टर राज कायम नही होगा। जमीन अधिग्रहण में मुर्दाबाद के नारे इसलिए लगते हैं क्योंकि जमीन देने वालों को इससे लाभ उन्हें नहीं मिलता ।इसलिए सरकार स्थानीय को रोजगार देने के लिए इस तरह की पहल कर रही है। जमीन मालिक और उद्योग दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं। जो उद्योग जगत में इन दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण है। श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने संवाददाता से बातचीत में कहां कि नियमों को सख्ती से पालन किया जाएगा, और गलत करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। कोई भी बक्से नहीं जाएंगे।

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