बहरागोड़ा: लगातार बालू का उठाव होने से नदियों का अस्तित्व खतरें में, स्थानीय लोग की मिलीभगत से हो रही है बालू की तस्करी
बहरागोड़ा (देवाशीष नायक) बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र के बारागडिया पंचायत अंतर्गत नागुड़साईं से स्वर्णरेखा नदी में बालू की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है. प्रतिदिन हजारों ट्रैक्टर बारागड़िया पंचायत भवन के सामने हो कर अवैध बालू की तस्करी की जा रही है. इससे तस्कर मालामाल हो रहे हैं. यह खेल प्रत्येक दिन सुबह 4:00 बजे से लेकर रात के 6:00 बजे तक चलता रहता है. वहीं किसी उच्च अधिकारी तथा स्थानीय अधिकारी आने की सूचना मिलने पर व लोग भाग जाते है. उधर चंदा वसुली करने में छोटे-छोटे बच्चों तथा बुजुर्गों को पैसा का लालच दिखा कर आगे कर देते हैं जिसे किसी को शक ना हो और ये अपने घरों के अंदर छिप कर गाड़ी तथा बच्चों के ऊपर पहरेदारी करते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी की गांव की कुछ-कुछ दूरी पर ही ट्रैक्टर संचालकों से पूजा,संकीर्तन, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि के नाम पर 50₹ से लेकर 100₹ या 150₹ या तक चंदा वसूलीं करते हैं. साथ ही अधिकारी के द्वारा छापामारी कर चले जाने के पश्चात पुणः अपना बालु उठाव का धंधा शुरू कर देते हैं. वहीं सरकार को हर माह लाखों रुपये का राजस्व का नुकसान हो रहा है. लगातार बालू का उठाव होने से नदियों का अस्तित्व खतरे में है. तस्कर जंगली रास्तों से बालू की ढुलाई कर रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि सरकारी योजनाओं में बालू का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है. भवन, पीसीसी पथ, पुल-पुलिया व अन्य कार्यों में अवैध रूप से खनन किये गये बालू का इस्तेमाल हो रहा है.वहीं निजी भवन व अन्य कार्यों में भी इसी बालू का उपयोग हो रहा है. इसके लिए लोगों को ज्यादा कीमत देनी पड़ रही है. उधर लाभुकों का कहना है कि सरकार द्वारा यदि बालू घाट नीलामी प्रक्रिया हो जाता तो उन्हें आज यह दिन ना देखना पड़ता.