चाकुलिया: आंगनबाड़ी केंद्र में क्लास रूम होने के बाबजूद ठंड के चलते बच्चे धूप में बैठने को मजबूर, राज्य भर में 13 जनवरी तक ठंड के कारण प्राथमिक ओर माध्यमिक कक्षाओं का संचालन है बंद
चाकुलिया (विश्वकर्मा सिंह) राज्य भर में बढ़ते ठंड के प्रकोप के कारण प्राथमिक और माध्यमिक के सभी कक्षाओं का संचालन 13 जनवरी तक पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है. सरकार का यह फरमान सोमवार से पूरे राज्य भर में लागू हो गया है. लेकिन इस बेरहम कनकनी भारी ठंड में आंगनबाड़ी केंद्र शनिवार को भी खुला था. कड़ाके की ठंड में चाकुलिया रेगड़पहाड़ी आंगनबाड़ी केंद्र ठंड के लिए खुले आसमान के नीचे धूप में संचालन हो रहे हैं. आंगनबाड़ी केंद्र में जाने वाले बच्चों की उम्र 3 से 5 वर्ष की होती है. इस भीषण सर्दी में भी रोजाना आंगनबाड़ी केंद्र खुल रहे हैं और नौनिहाल किसी तरह टोपी, स्वेटर में लिपटे आंगनबाड़ी जाने के लिए मजबूर हैं. आंगनबाड़ी केंद्र में क्लास रूम होने के बाबजूद ठंड के चलते धूप में बैठने को मजबूर है. ऐसा नहीं है कि आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को ठंड नहीं लगती होगी. ठंड तो जरूर लगती होगी, क्योंकि केंद्र के संचालन का समय 8 से दोपहर 1 बजे तक है. अब यहां सवाल खड़ा होता है कि क्या इन बच्चों की सुरक्षा की जवाबदेही किसी की नहीं बनती है, क्योंकि जहां एक तरफ कक्षा एक से लेकर के आठवीं तक की विद्यार्थियों का अवकाश है. वहीं दूसरी तरफ नन्हें मुन्ने बच्चों के लिए केंद्र का संचालन हो रहा है. इस शीतलहर में बच्चों का जीना मुहाल हो रहा है. आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाओं के समक्ष यह मजबूरी है क्योंकि अगर सरकारी फरमान के बिना केंद्र का संचालन बंद कर दे तो उनके ऊपर कार्रवाई की तलवार लटक जायेगी. दूसरी तरफ यह भी डर सता रहा है कि अगर ठंड की वजह से किसी बच्चे की तबीयत भी बिगड़ती है तो इसका खामियाजा अभिभावकों को ही झेलना पड़ेगा. अभिभावकों के बीच भी यह चर्चा जोरों पर है कि जब कक्षा एक से लेकर के आठ तक का विद्यालय का संचालन बंद है. इस संबंध में अभिभावकों का कहना है कि वैसे में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन करना जोखिम भरा है. सरकार को इस पर तुरंत निर्णय लेना चाहिए और केंद्र का संचालन बंद कर देना चाहिए. क्योंकि शीतलहर का प्रकोप क्षेत्र में जारी है.