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चांडिल:-मणिपुर में चल रहे जातीय हिंसा के खिलाफ संयुक्त समाजिक आदिवासी संगठन चांडिल अनुमंडल के द्वारा डैम आइबी में मणिपुर सरकार के खिलाफ में प्रेस कांफ्रेंस कर विरोध प्रकट किया गया…

 

चांडिल (सुदेश कुमार) : संयुक्त समाजिक आदिवासी संगठन चांडिल के प्रवक्ता सुधीर किस्कू व मणिक सिंह सरदार के संयुक्त रूप से कहा कि मणिपुर में कुकी आदिवासी समुदाय की दो महिलाओं को नंगा परेड कराने, उनके साथ सामूहिक दुर्व्यवहार करने और अंततः बलात्कार करने का वीडियो वायरल हुआ है,बताया जा रहा है कि यह घटना 4 मई की है और आरोप है कि इसे अंजाम देने वाले लोग मैतेई समुदाय के है,आगे कहा घटना की जाँच कर स्थिति स्पष्ट करने और मणिपुर में शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकारों की है.

लेकिन राज्य सरकार अपराधियों के साथ खड़ी है और प्रधानमंत्री इस मामले में मूकव्रत अपना चुके हैं. दरअसल वे मणिपुर सरकार के अपराध के साथ खड़े हैं. और इसी तरह का माहौल झारखंड समेत अन्य राज्यों में भी करने के प्रयास में है। इससे भी खराब बात है कि अंधभक्तों की टोली बेशर्मी की सारी हदें पार कर इस पर सवाल उठाने वालों को बंगाल और जम्मू कश्मीर आदि की याद दिलाकर इस घृणित अपराध को उचित ठहरा रही है।

समाजिक कार्यकर्ता कपुर बागी ने कहा आज जरूरत है कि हम मणिपुर की उत्पीड़ित जनता की एकजुटता में खड़ा होकर आवाज उठायें ताकि इस घटना के अपराधियों और पक्ष में खड़ी अपराधी सरकारों को दंड दिया जा सके. जब सरकार विफल हो जाती है, तो निर्णय जनवादी व न्यायप्रिय जनता को ही लेना पड़ता है. समय है, चुप्पी तोड़ें,

आवाज उठायें।वे क्षणिक आवेश में भूल गये हैं कि इतिहास पलटता है और सभी अपराधों का हिसाब करता है,तब वे रोयेंगे और आंसू पोंछने वाला कोई नहीं मिलेगा,मोदी सरकार मणिपुर को गुजरात से भी बदतर बना चुकी है. इसका प्रभाव नार्थ ईस्ट के साथ ही शेष भारत पर भी पड़ेगा।

साथ में यह भी कहा गया कि कल दिनांक 22/07/2023 दिन शनिवार को चांडिल चौक बाजार में इस तरह के कुकृत्य घटना के विरोध में देश के प्रधानमंत्री गृहमंत्री, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन वह झारखंड के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी जी का पूतला दहन किया जाएगा जिसमें विभिन्न समाजिक संगठनों के लोग उपस्थित रहेगे

मौके पर प्रेस कांफ्रेंस का अध्यक्षता कपुर बागी,सुधीर किस्कू,श्यामल मार्डी,मणिक सिंह सरदार, जगदीश सरदार श्याम सिंह सरदार,शंकर सरदार,कुनाराम मांझी, पशुपति सिंह,लक्ष्मण सिंह, बैधनाथ टुडू, सुदामा हेम्ब्रम,सोमाय टुडू,सुरेद्र सिंह,जयनाथ सिंह,भीम सिंह आदि सैकड़ों लोग मौजूद थे ।

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