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लोकतंत्र विचारों की स्वतंत्रता है -प्रो0 मनोज कुमार महापात्रा

चांडिल  (कल्याण पात्रा ) सिंहभूम कॉलेज चांडिल में शनिवार को कॉलेज की ओर से “भारत :लोकतंत्र की जननी” विषय पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया ।इस अवसर पर मुख्य अतथि सह मुख्यवक्ता के रूप में कोल्हान विश्वविद्यालय के सीसीडीसी प्रो0 मनोज कुमार महापात्रा उपस्थित थे ।कॉलेज के कॉमन हॉल में आयोजित इस व्याख्यान को सुनने के लिए एनसीसी कैडेटों के साथ-साथ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे । सभा को संबोधित करते हुए सीसीडीसी डॉ0 पात्रा ने अपने व्याख्यान में कहा कि लोकतंत्र विचारों की स्वतंत्रता है। लोकतंत्र की खूबसूरती तब है जब हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि एक समय था जब संविधान के निर्माता बाबा साहब अंबेडकर को बचपन में पढ़ने एवं अपनी बात रखने का अधिकार नहीं था लेकिन वही अंबेडकर ज्ञान के सर्वोच्च शिखर को पाने के बाद देश के संविधान निर्माता बने। इसलिए जीवन में ज्ञान प्राप्त करने की चेष्टा करनी चाहिए ।आप सब विद्यार्थियों को पठन-पाठन में खूब मन लगाना चाहिए। संविधान 26 नवंबर 1949 में बना लेकिन लोकतंत्र का बीज हमारे वेदों में निहित है । जहां आप जागरूक हो गए वहां गणतंत्र गुणतंत्र में परिवर्तित हो जाएगा।

कॉलेज के एनसीसी कैडेट खुशी सहदेव ने अंग्रेजी में तथा कैडेट साबूही परवीन ने हिंदी में सभा के समक्ष अपने विचार रखे ।कैडेट ठाकुर दास महतो एवं कैडेट राजेश मांझी ने भी अपने विचार साझा किए। इससे पूर्व कॉलेज के प्रभारी डॉ संजय कुमार ने मुख्य वक्ता डॉ मनोज कुमार महापात्र का पुष्पगुच्छ से अभिनंदन किया। इसके बाद संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ0 सुनील मुर्मू के मंगलाचरण पाठ से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। सभा को डॉ0 संजय कुमार ने भी संबोधित किया। सभा में प्रो0 रतन जॉन बारला ,प्रो0 अंबिका रजक, डॉ0 नेपाल चंद्र महतो , डॉ0 प्रभास गोराई , प्रो0 सच्चिदानंद मैती, शंकर बेसरा, उत्तम चटर्जी, रेणु कुमारी ,पूर्व सीनियर अंडर ऑफिसर अनुपम प्रमाणिक एवं सीनियर अंडर ऑफिसर रौनक सहदेव आदि उपस्थित थे। मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 सुनील मुर्मू ने किया।

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