एक करोड़ 33 लाख से निर्माण किये जा रहे ग्रामीण सड़क में
अनियमितता,रामगढ़ के ग्रामीणों ने किया विरोध, ठेकेदार
गुरूचरण प्रमाणिक ने कहा सभी को कमीशन देकर टेंडर लिये है
जांच के लिए कोई पदाधिकारी नहीं आयेंगें ….
चाण्डिल (कल्याण पात्रा ) : डर और खौंफ झारखंड में नही । अब तक राजनिति गलियारों में सरकार के क्रियाकलापों का चर्चा का विषय रहा है । अब तो गांव और मुहल्ले के जुवां पर सरकार के कर्मो का चर्चा भी प्रचर प्रसार हो रही है ।
मामला सड़क निर्माण का है जहां ठेकेदार बेखौंफ है :-
लगभग 2 किलोमीटर की सड़क का निमार्ण आसनवनी पंचायत के रामगढ़ गांव में किया जा रहा है । जिसका प्राक्कलित राशि एक करोड़ 33 लाख से मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत् निर्माण किया जा रहा है । सड़क का निर्माण में भारी अनियमितता को लेकर ग्रामीणों ने विरोध किया । ग्रामीणों का कहना है कि सड़क ग्रामीणों के चलने और सुविधा के लिए सरकारी गांव मुहल्ला में बना रहे है । जिस देखने वाला जईइ तक नहीं पहुंचते है । ठेकेदार द्वारा जमीन मिट्टी पर ही सड़क का ढ़लाई कर दिया जा रहा है । वही इस सबंध में पुछे जाने पर ठेकेदार ने कहा की उपर तक कमीशन की राशि पहुंचाते है सब का बंधा हुआ है । आप पत्रकार हो 2000 रूपये ले और चलते बनों आप का प्रयास बेकार होगा ।
आधे से अधिक लगभग मिट्टी पर ही सड़क का ढ़लाई कर दिया गया है । ग्रामीणों को पुलिस और पदाधिकारी की खौंफ दिखाकर सड़क का निर्माण कर रहे है । वही रामगढ़ के रबिन सिंह, बोदरी मांझी ने बताया की ग्रामीण कभी विकास विरोधी नहीं होते है यह गांव पुर्णतः आदिवासी बहुल्य गांव है जहां मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत् 1 करोड़ 33 लाख से निर्माण किया जा रहा है । जो ठेकेदार द्वारा सीधे मिट्टी पर ढलाई किया जा रहा है । इस सड़क का प्रयोग ग्रामीण को करना है । सरकार तो राशि विकास के लिए दिया है तो ग्रामीणों के अनुसार सड़का निर्माण होना चाहिए । वही बताया की आज तक जईइ कार्य स्थल पर नही आये है ।जैसे तैसे सड़क का निमार्ण कार्य ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है सड़क के निर्माण की जानकारी भी नहीं दी जा रही है । मुंशी के देख-रेख में काम किया जा रहा है । जिसे लेकर ग्रामीणों ने विरोध किया । वही ग्रामीण उच्च पदाधिकारी द्वारा जांच करनें की मांग की है । ग्रामीणों द्वारा मांगें जाने के बाद प्रक्किलित राशि की जानकारी दी । सवाल यह है कि ठेकेदार द्वारा जईइ को सड़क निर्माण स्थल पर नहीं आने के लिए कितना कमिशन दिया जा रहा है यह जांच का विशेष है ।
रोबिन सिंह