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पूर्व पंचायत समिति सदस्य गुरुचरण साव की गिरफ्तारी को अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच ने असंवैधानिक करार देते हुए प्रशासन की कड़ी निन्दा की…

चांडिल : परमेश्वर साव

चांडिल : सरायकेला – खरसावां जिले के चांडिल पुलिस ने मंगलवार को चांडिल डेम परिसर से पू. पंसस गुरूचरण साव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसका अखिल झारखण्ड विस्थापित अधिकार मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कड़ी निन्दा प्रकट की है। इस दौरान उन्होंने कहा मालूम हो कि आज चांडिल डेम का निर्माण हुए आज 42 वर्ष हो गए लेकिन आज तक चांडिल डेम के विस्थापितों को अपना हक और अधिकार नहीं मिला है, हर वर्ष बारिश के दिनों में चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ाकर विस्थापितों के घर-द्वार, खेत-खलिहान को जलमग्न कर उन्हें बेघर किया जाता है। वहीं उन्होंने चांडिल डेम प्रबंधन से डेम का जलस्तर 180 आर ऐल के नीचे रखने का मांग करते हुए प्रबंधन से पूछा कि यह कहां तक उचित है कि एक विस्थापित को गिरफ्तार करने में पुलिस ने जो जोर लगाया यदि इतना जोर चांडिल डेम का फाटक खोल कर जलस्तर घटाने में लगाया जाता तो आज कोई भी विस्थापित भाई आत्मदेह करने का प्रयास न करता। सभी विस्थापितों के खेतों में फसल होता विस्थापित सहूलियत से अपने जीवन यापन कर रहे होते।

श्री महतो ने कहा विस्थापितों को प्रशासन इस तरह डराना धमकाना बंद करें, विस्थापितों पर जुल्म ढाना बंद करें । प्रशासन द्वारा उठाये गए इस कदम पर विस्थापित चुप रहने वाले नहीं है विस्थापितों को प्रशासन हल्के में न ले। वहीं उनका कहना था कि गुरुचरण साव द्वारा डेम से छलांग लगाने का कदम उठाया जाना इतना बड़ा अपराध भी नहीं था कि उन्हें जेल भेजना आवश्यक था उन्हें बुलाकर समझा-बुझाकर जल स्तर घटाने का आश्वासन भी दिया जा सकता था। असल में सरकार तथा एसएमपी विभाग विस्थापितों के हित में कुछ करना ही नहीं चाहता। यह सारा निर्णय प्रशासन द्वारा विभाग के इशारे पर ही लिया जा रहा है और उसे अमली जामा पहनाया जा रहा है। ज्ञात हो कि दो दिन पूर्व गुरचरण साव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर विभाग को अल्टीमेटम दिया था की यदि अगले 48 घण्टे के भीतर चांडिल डेम का जलस्तर 180 आरएल से नीचे नहीं किया जाता तो वे चांडिल डेम से छलांग लगा लेंगे। अल्टीमेटम का समय पूर्ण होने पर वे आज चांडिल डेम परिसर पहुंचे थे जहां से उसे पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।

उन्होंने बताया कि बीते 26 जून 2023 को शराब के साथ बियर की बोतलें तथा गांजा पेड़ प्रशासन, मीडिया और विस्थापितों के उपस्थिति में चांडिल डेम स्थित स्वर्णरेखा प्रमंडल सह अंचल कर्यालय परिसर में उपलब्ध हुआ था। जिस पर विभाग के खिलाफ मुकदमा दायर करने के लिए थाना में आवेदन दिया गया था लेकिन आज 57 दिन बीतने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। सभी विस्थापित जानते हैं कि यह सब क्यों और किसके इशारे पर हो रहा है वक्त आने पर सबको जवाब दिया जाएगा। उन्होंने प्रशासन से सवाल किया कि क्या उन्हे संवैधानिक तरीके से हक और अधिकार मांगने की भी इजाजत नहीं है, क्या उन्हें आंदोलन करने का भी अधिकार नहीं है?

 

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