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उच्च न्यायालय ने चांडिल प्रमुख का चुनाव स्थगित करने का दिया आदेश…

चांडिल:परमेश्वर साव

चांडिल। चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा चांडिल प्रमुख पद के चुनाव हेतु कल 26 जुलाई का दिन निर्धारित किया गया था, जिसपर झारखंड उच्च न्यायालय ने रोक लगाने का आदेश दे दिया है। तत्कालीन प्रमुख अमला मुर्मू द्वारा उच्च न्यायालय में दायर की गई रिट याचिका की सुनवाई के बाद आज न्यायालय की ओर से तत्काल चुनाव को स्थगित करने के साथ ही राज्य सरकार को जबाव तलब किया गया है। सरकार को चार सप्ताह का समय दिया गया है।

चांडिल प्रमुख के तत्कालीन प्रमुख अमला मुर्मू की ओर से झारखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता आरएसपी सिन्हा ने रिट याचिका दायर किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता आरएसपी सिन्हा ने जानकारी देते हुए कहा कि विगत दिनों सरायकेला – खरसावां के उपायुक्त द्वारा चांडिल प्रमुख अमला मुर्मू का सदस्यता रद्द किया गया है, जिसमें नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है। उपायुक्त के सदस्यता रद्द करने के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई हैं।

अधिवक्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय में रिट याचिका में चुनाव आयोग, झारखंड सरकार, सरायकेला – खरसावां के उपायुक्त, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी, चांडिल अंचलाधिकारी तथा रूदिया पंचायत समिति सदस्य एवं अपीलकर्ता गुरुपद हांसदा को पार्टी बनाया गया है। इनके विरुद्ध रिट याचिका दायर करने के बाद भी विगत 18 जुलाई को नियम के विरुद्ध अनुमंडल पदाधिकारी ने 26 जुलाई को चुनाव कराने का आदेश जारी किया गया है। अधिवक्ता आरएसपी सिन्हा ने बताया कि आज झारखंड उच्च न्यायालय में न्यायधीश गौतम चौधरी के अदातल में सुनवाई हुई। न्यायधीश ने तत्काल प्रमुख पद के लिए होने वाली चुनाव को स्थगित करने का आदेश दिया है।

वहीं, चुनाव आयोग, झारखंड सरकार, उपायुक्त, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, अंचलाधिकारी तथा गुरुपद हांसदा को अपना पक्ष रखने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। न्यायालय ने चुनाव आयोग तथा राज्य सरकार से रिट याचिका को लेकर जबाव तलब किया है।

उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता आरएसपी सिन्हा ने कहा कि सरायकेला – खरसावां के उपायुक्त एवं निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग के नियमावली का अनुपालन नहीं किया है और नियमों के विरुद्ध अमला मुर्मू के सदस्यता को रद्द किया है। उन्होंने कहा कि अमला मुर्मू बनाम चुनाव आयोग, झारखंड सरकार, गुरुपद हांसदा एवं संबंधित अधिकारियों के मामले में दोनों पक्षों के जबाव दाखिल होने के बाद ही अंतिम सुनवाई होगी।

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