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करम मिलन समारोह में जमकर थिरके छात्र छात्राएं…

प्रकृति की रक्षा से ही समाज की प्रगति संभव…

चांडिल:परमेश्वर साव

सरायकेला :चांडिल सिंहभूम महाविद्यालय आदिवासी कल्याण छात्रावास की प्रागंण मे करम मिलन समारोह पर सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया। इसमे पुजारी द्वारा पुर्व संध्या पर करम डाली गाढ़कर शुरुआत किया, इस क्रम मिलन समारोह में सरना समाज सुसुन: दुराड दल बारीगोड़ा अड़की खूंटी,रांची द्वारा करम नृत्य का प्रस्तुती मनमोहक तरीक़े से सांस्कृतिक प्रकृति से लगाव को लेकर जबरदस्त नृत्य हुआ ।लोग व छात्र छात्राएं जमकर अपने सामूहिक पारंपारिक परिधान में थिरकते नजर आये।


सदियों से आदिवासियों की पहचान प्रकृति से गहरा लगाव है जो कि प्रकृति की रक्षा से ही समाज में प्रगति आ सकती है वह कर्म का त्योहार आदिवासी संस्कृति को नवजीवन देता है। इससे पर्यावरण में शुद्धता भी आती है ।आदिवासी समाज को शिक्षा के साथ-साथ समाजिक पंरपरा को भी बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा समाज को आगे लाने में युवाओं को सहयोग करना होगा।शिक्षा, स्वास्थ्य, समाजिक चेतना के क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है।हमें अपने पंरपरा को बचाने व संयोजे रखने और आने वाले पीढ़ियों को बताने की जरूरत है की आदिवासी पंरपरा की पहचान पुरे विश्व में है ।


इस करम मिलन समारोह में विभिन्न जनप्रतिनिधि व वक्ताओं ने कई अहम बातो को रखा और संबोधित किया। इस अवसर पर  विधायक श्रीमती सबिता महतो ,महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सरोज कुमार कैवर्त,सुकराम हेम्ब्रम,सुधीर किस्कू,छात्र संघ अध्यक्ष सुदामा हेम्ब्रम, चांडिल मुखिया मनोहर सिंह सरदार प्रोफेसर एके गोराई,छात्र नायक नारायण किस्कू,मंगल सिंह मुण्डा,सुबोध सिंह मुण्डा, रविन्द्र सिंह सरदार, कृष्णा उरांव,महावीर हांसदा,सोमचांद टुडू आदि सैकड़ों छात्र-छात्राए उपस्थित थे।

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