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गांववासियों के समृद्धि खुशहाली एवं सुख-शांति के लिए धूमधाम से मना परंपरागत साप्ताहिक मागे परब…

गांव में विभिन्न प्रकार के रोग व्याधियों से रक्षा के लिए की गई सामूहिक प्रार्थना…

सरायकेला: संजय मिश्रा । खरसावां प्रखंड के आनंदडीह गांव में आदिवासी मूल परंपरा के साथ सात दिवसीय माघे पर्व मनाया गया। 7 दिनों तक चलने वाले उक्त माघे परब की शुरुआत बीते 18 फरवरी को दिउरी पुजारी लालू तियू, पूर्व दिउरी गोमा तियु एवं जोम मीम सहायक मानकी तियु और राजु तियू द्वारा आनंदडीह गांव के सरना स्थल में ग्रामीणों के सुख समृद्धि एवं शांति के लिए इष्ट देव सिंगबोंगा, जाहेर एरा और देशाउली का आह्वान करते हुए उन्हें प्रसन्न करने के लिए मुर्गों की बलि दी गई। और पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया गया।

साप्ताहिक आयोजन के पहले दिन हेए सकम मनाते हुए गांव की औरतों द्वारा जंगल में जाकर साल के पत्ते तोड़कर लाया गया। दूसरे दिन ओते गुरुई मनाते हुए दिउरी यानी पुजारी के घर के आंगन को गोबर से लिपाई पुताई कर शुद्ध किया गया। तीसरे दिन ओते ईली तीरथ में मनाई गई। और चौथे दिन गांव के सभी स्त्री-पुरुष उपवास व्रत रखते हुए नहा धोकर शाम के समय अपने पूर्वजों का पूजा पाठ किए। पांचवें दिन मागे पोरोब मनाते हुए दिउरी और उसके सीम सहायकों द्वारा जाहेरथान में पूजा आराधना करते हुए ग्राम वासियों के सुख शांति एवं समृद्धि के लिए परंपरा अनुसार सफेद एवं काला मुर्गी की बलि अर्पण की गई।

मान्यता है कि ऐसा करने से ग्राम क्षेत्र में महामारी या फिर बुरी नजर का साया नहीं होता है। छठवें दिन शुक्रवार को जात्रा परंपरा का आयोजन करते हुए अखाड़े में नृत्य संगीत के सामूहिक कार्यक्रम किए गए। शनिवार को सातवें दिन हर माघे के साथ इसका समापन किया गया। इस अवसर पर गांव के गणमान्य में मुख्य रूप से गंगाराम तियू, बुधन तियु, सिंगराय तियु, कृष्ण तियु एवं दिनु कालुंडिया सहित दर्जनों की संख्या में ग्रामीण स्त्री पुरुष पूजा में शामिल हुए। इस दौरान पूजा अर्चना के पश्चात देर रात तक अखाड़े में मांदल की थाप पर परंपरागत नृत्य संगीत के कार्यक्रम आयोजित किए गए।

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