हौसले को नमन :
मैट्रिक की परीक्षा में दिव्यांग छात्रों ने दिखाया दमखम, किया बेहतर प्रदर्शन, डीएसई चार्ल्स हेंब्रम एवं समावेशी शिक्षा के जिला प्रभारी सुभाष हेंब्रम ने दी शुभकामना…
सरायकेला: संजय मिश्रा : कहते हैं कि बुलंद हौसला यदि आसमान को भी कदमों में झुकाने की हो तो बाधाएं बौनी साबित होती है। कुछ ऐसा ही इस वर्ष के मैट्रिक की परीक्षा में जिले के दिव्यांग परीक्षार्थियों ने कर दिखाया है। जिन्होंने अपने शारीरिक अक्षमता को नकारते हुए सामान्य बच्चों के मुकाबले मैट्रिक की परीक्षा में उम्दा प्रदर्शन कर समाज को एक सुंदर संदेश देने का भी काम किया है। मैट्रिक-2024 की परीक्षा में अन्य छात्रों के साथ-साथ दिव्यांग छात्रों ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है। और समाज को संदेश दिया है कि यदि बेहतर समावेशी शिक्षा का माहौल मिले तो वह भी किसी से कम नहीं है।
इसके तहत सरायकेला प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय पठानमारा का प्रमस्तिक पक्षाघात दिव्यांग छात्र राहुल गुन्दूवा ने मैट्रिक की परीक्षा में 63% अंक लाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। बताते चलें कि सरायकेला प्रखंड का कुली गांव निवासी राहुल का प्रमस्तिक पक्षाघात दिव्यांगता के कारण दोनों पैर और दोनों हाथ सही से काम नहीं करने के कारण जमीन पर रेंगकर चलता है। और इसी कठिनाइयों के कारण विद्यालय से पढ़ाई नियमित नहीं कर पा रहा था।
इसके बाद रिसोर्स शिक्षक नरेंद्र प्रसाद सिंह एवं फिजियोथैरेपिस्ट पिंकी चाकी द्वारा संयुक्त रूप से गृह आधारित शिक्षा (होम बेस्ड एजुकेशन) के माध्यम से मैट्रिक परीक्षा की तैयारी कराई गई थी। एवं लेखनीय क्षमता नहीं रहने के कारण श्रुति लेखक (राइटर) के सहयोग से मैट्रिक परीक्षा में सम्मिलित कराया गया था। जिसमें राहुल ने अपने हौसले को बुलंद करते हुए सफलता हासिल की। राहुल की माता का नाम शांति गुन्दूवा एवं पिता के नाम सनातन गुन्दूवा है। और दोनों ही मजदूरी का काम कर अपने परिवार का लालन-पालन कर रहे हैं।
इसी प्रकार नृपराज राजकीय +2 उच्च विद्यालय सरायकेला के शारीरिक रूप से दिव्यांग राम नायक ने मैट्रिक की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। बताते चलें कि रंगाडीह गांव निवासी राम नायक की माता बसंती नायक और पिता सुभाष चंद्र नायक दोनों ही मजदूरी का काम करते हैं। और उन्हें समावेशी शिक्षा के अंतर्गत बच्चे को विद्यालय आने-जाने हेतु एस्कॉर्ट भत्ता के रूप में प्रति महीना ₹500 की दर से पहुंचाने में सहयोग करने वाले सहयोगी को भुगतान किया गया है। एवं दोनों बच्चों को व्हीलचेयर उपलब्ध कराया गया है।
इसके अलावा गम्हरिया प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय नरेंद्र नगर कांड्रा का छात्र जसवीर सिंह ने द्वितीय श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने पढ़ने की ललक को जाहिर किया है। इस मौके पर जिला शिक्षा अधीक्षक चार्ल्स हेंब्रम एवं समावेशी शिक्षा के जिला प्रभारी सुभाष हेंब्रम हर्ष व्यक्त कर बताया कि इसी प्रकार यदि दिव्यांग छात्रों को समावेशी एवं सम शिक्षा का वातावरण मिले तो वह भी किसी से कम नहीं है। इसी प्रकार जिले के अन्य प्रखंडों में भी दर्जनों दिव्यांग छात्रों ने अपना प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।
रिसोर्स टीचर ने राहुल के घर पहुंच कर कराया मुंह मीठा:-
मैट्रिक की परीक्षा में 63% मार्क्स के साथ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले सरायकेला प्रखंड के कुली गांव निवासी गंभीर दिव्यांग छात्र राहुल गुंदूवा के घर रिसोर्स टीचर नरेंद्र प्रसाद सिंह पहुंचे। वहां उन्होंने पड़ोस के बच्चों और उसके परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में राहुल को मिठाई खिलाकर बधाई दी। और उसके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की।