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बच्चों को सुरक्षा के घेरे में रखना हमारी प्राथमिकता – बीडीओ,दुमका…

विद्यालय में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति होती है तो बाल विवाह की दर में बेशक कमी आयेगी – सीओ दुमका…

दुमका:मौसम गुप्ता

बाल सुरक्षा,संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर दुमका प्रखंड के सभागार में प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक सह कार्यशाला ग्राम ज्योति/कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के संयुक्त तत्वाधान में की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी, दुमका उमेश मंडल ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए ग्राम ज्योति की निदेशक आभा ने सबों का स्वागत किया एवं मंचासिन अतिथिगण ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत रूप से बैठक की शुरुआत की।

ग्राम ज्योति की आभा ने दुमका जिला अंतर्गत मुख्य रूप से 150 गांव में चल रहे कार्यक्रमों को सबों के समक्ष साझा किया। अनिवार्य एवं मुफ्त शिक्षा पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि यदि बच्चों की उपस्थिति विद्यालय में शत प्रतिशत होती है तो बाल विवाह की दर में बेशक कमी आयेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रखंड विकास पदाधिकारी सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी, ने बताया कि बाल विवाह, बाल तस्करी, बाल श्रम, बाल यौन शोषण जैसे घटनाएं अगर होती हैं तो हम सबों को ध्यान रखने की आवश्यकता है।

उसे कानून के तहत रोका जा सकता है, इसके लिए हमें एक होकर कार्य करना पड़ेगा। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि सभी पंचायत में अपने स्तर से बच्चों से संबंधित मामलों पर विशेष नजर रखें ताकि हमारे प्रखंड के एक भी बच्चे सुरक्षा घेरे से बाहर ना जा पाए।

बाल विवाह के मामले पर उन्होंने बताया कि पिछले दो-तीन दिन पहले ही हमारे प्रखंड के एक गांव में बाल विवाह के होने की सूचना प्राप्त हुई, जिस पर हमने त्वरित कार्रवाई करते हुए ग्राम ज्योति, चाइल्ड हेल्पलाइन एवं संबंधित थाना के संयुक्त प्रयास से बाल विवाह को रोका गया,और बच्ची को उसके माता-पिता के साथ बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया, इस पूरे बचाव कार्य में ग्राम ज्योति के कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके उ अपने वक्तव्य से एक भी बाल विवाह ना हो।

अंचल अधिकारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि देखभाल एवं संरक्षण के अंतर्गत आने वाले बच्चों को मिशन वात्सल्य के मार्गदर्शिका के अनुरूप अंचल से हर संभव मदद मिलेगी जिससे बच्चों के हित में जिला को किसी भी प्रकार का कार्य करने में परेशानियों का सामना ना करना पड़े।

तत्पश्चात चाइल्ड हेल्पलाइन की प्रॉजेक्ट कॉर्डिनेटर रितिका कुमारी ने संबोधित करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि जो बालक देखभाल और सरंक्षण की श्रेणी में आते है तो इसकी सूचना निःशुल्क सहायता नंबर 1098/ 112 और जिला बाल संरक्षण ईकाई के कार्यालय में दी जा सकती है, और ऐसे बालकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है जिससे बालक के सर्वोत्तम में निर्णय लिया जा सके ।

इसके उपरांत ग्राम ज्योति, दुमका के कार्यक्रम समन्वयक नरेंद्र शर्मा ने मिशन वात्सल्य अंतर्गत पंचायती राज संस्थान के सामाजिक न्याय महिलाओं और बच्चों के कल्याण पर ग्राम पंचायत की अस्थायी उप-समिति के कार्य एवं जिम्मेवारियां पर जानकारी साझा किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्राम ज्योति के टीम सदस्यों ने अहम भूमिका निभाई।

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