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राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता देवी की अध्यक्षता में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में 30 मामलों पर सुनवाई

किसी भी दशा में महिला उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा – ममता देवी

दुमका :ब्यूरो रिपोर्ट मौसम गुप्ता

इंडोर स्टेडियम दुमका में मंगलवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ममता देवी की अध्यक्षता में जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग में आवेदित पाकुड़, साहेबगंज, दुमका एवं गोड्डा जिले से सम्बंधित कुल 30 मामलों पर सुनवाई की गई। इस दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ममता देवी ने कहा कि 1992 में राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन किया गया था।

इस आयोग का गठन महिलाओं की सुरक्षा, उनके अधिकार का कोई हनन न हो, उनके ऊपर कोई अत्याचार ना हो, चाहे वह किसी तरह का अत्याचार हो दहेज प्रताड़ना, सेक्सुअल हैरेसमेंट, राजनीतिक अधिकार की बात हो, सामाजिक अधिकार की बात हो, शैक्षणिक अधिकार की बात हो सभी जगह में राष्ट्रीय महिला आयोग महिलाओं के हित के लिए तत्पर रहती है। जो भी शिकायतें आयोग तक पहुंचती है, उन शिकायतों के बारे में बताना चाहूंगी कि वहां किसी का हस्तक्षेप नहीं होता है।

तेज गति से सभी शिकायतों का निष्पादन किया जाता है। जिस जिला से हमारे पास शिकायतें आती है, इस शिकायत के आधार पर संबंधित जिला के पुलिस अधीक्षक तथा राज्य के डीजीपी को निष्पादन करने हेतु आयोग द्वारा चिट्ठी भेजी जाती है ताकि किसी भी कार्रवाई में देरी ना हो।

कार्यक्रम के दौरान एक-एक कर सभी मामलों की सुनवाई की गई। पूर्व में महिला उत्पीड़न संबंधित पत्रावलियों के बारे में हुई कार्रवाई की अद्यतन जानकारी लेते हुए कहा कि किसी भी दशा में महिला उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी क्रम में प्रत्येक मामले में संबंधित केस के इंचार्ज ऑफिसर तथा आवेदन कर्ता से जानकारी ली गई।

सभी मामलों में आयोग द्वारा पुलिस पदाधिकारियों को समय अंतराल में कार्यवाई पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ममता देवी के सचिव रितेश नागिया, आईटीडीए निदेशक, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सहित अन्य उपस्थित थे।

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