गुलाब का फूल भेंटकर बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों को उनकी गलतियों से कराया गया उन्हें अवगत…
मौसम गुप्ता। दुमका:सड़क सुरक्षा माह के तहत दिन शनिवार को जिला परिवहन पदाधिकारी दुमका जयप्रकाश करमाली के नेतृत्व व निर्देशन में सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यों व सड़क सुरक्षा कोषांग के कर्मियों ने सिदो कान्हू हाई स्कूल, दुमका की बच्चियों के सहयोग से अम्बेडकर चौक (डीसी चौक) पर बिना हेलमेट जहाँ एक ओर दो पहिया वाहन चालकों को गुलाब का फूल भेंट कर उन्हें उनकी गलतियों का आभाष दिलाते हुए भविष्य में बिना हेलमेट बाइक ड्राइविंग न करने की सलाह दी गई और उन्हें उन्मुख किया गया, वहीं दूसरी ओर गाड़ी में हेलमेट रहते हुए भी ड्राइविंग के दौरान हेलमेट के न प्रयोग करने पर उन्हें चेतावनी दी गई और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माना के प्रावधान से उन्हें वाकिफ कराया गया।
चारपहिया वाहन में सीट बेल्ट के प्रयोग पर ध्यान देते हुए चालकों को दुर्घटनाओं से अवगत कराया गया। बिना हेलमेट तकरीबन डेढ़- दो सौ बाइक सवारों को रोककर सड़क सुरक्षा के नियमों से उन्हें भली भांति अवगत कराया गया। जिला परिवहन पदाधिकारी दुमका जयप्रकाश करमाली की अगुवाई में सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यगण यथा- मो0 मुस्ताक अंसारी, डॉ0 अमरेन्द्र सुमन, नीलकंठ झा, रमण कुमार वर्मा, डॉ0 मनोज कुमार घोष, अरुण कुमार सिंह, प्रदीप्तो बनर्जी, सुरेश साह, प्रधान सहायक जिला परिवहन विभाग दुमका त्रिलोकीनाथ मिश्रा, सड़क सुरक्षा कोषांग के कर्मी दीपक कुमार, अमित कुमार रंजन, मनोज उरांव एवं सिदो कान्हू विद्यालय की एन सी सी की छात्राओं ने सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान में भाग लिया।
इस अवसर पर जिला परिवहन पदाधिकारी ने कहा कि आजकल छोटे छोटे उम्र के बच्चे बिना ड्राइविंग लाइसेंस, हेलमेट के ही वाहनों की ड्राइविंग करते हैं जो नियमानुसार अपराध है। इतना ही नहीं एक हाथ से बाइक की हैंडल और दूसरे हाथ में मोबाइल से बातें करते हुए भी उन्हें वाहनों की ड्राइविंग करते हुए देखा जाता है, जो दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है। ड्राइविंग के दौरान हेडफोन पर गाने सुनना और बाइक चलाना दुर्घटनाओं को आमंत्रित करने जैसा है।
उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि जब तक उनके बच्चे निर्धारित उम्र के नहीं हो जाते, किसी भी सूरत में उनके हाथों में बाइक न दें। उन्होंने कहा कि बिना लाइसेंस के बाइक या चार पहिया वाहन या फिर अन्य तरह के वाहन परिचालन के लिए उन्हें प्रोत्साहित न करें। इस दौरान पुलिसकर्मियों, अधिवक्ताओं को भी बिना हेलमेट वाहन की ड्राइविंग पर टोका गया और सचेत किया गया। कई कमउम्र बच्चों ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए आगे ऐसी गलती न दुहराने का संकल्प लिया।