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ओबीसी मोर्चा के वनभोज सह विचार गोष्ठी में जातिगत जनगणना और पंचायत चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देने की उठी मांग…

दुमका: मौसम कुमार। पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संताल परगना का वनभोज सह मिलन समारोह शिकारीपाड़ा के गमरा पुल के निकट में मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष असीम मंडल के नेतृत्व में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनाथ मल्लिक ने किया और संचालन केन्द्रीय प्रधान महासचिव डॉ अमरेन्द्र कुमार यादव ने किया।

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मोर्चा की ओर से नए साल में पिछड़ा वर्ग को एकजुट होकर अपने अधिकार के लिए संघर्षशील होने के उद्देश्य से शिकारीपाड़ा प्रखंड क्षेत्र के गमरा पुल के निकट शुक्रवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें ओबीसी संघर्ष मोर्चा के सैकड़ों समर्थक कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय अध्यक्ष असीम मंडल ने कहा दुमका जिला में झारखंड गठन के बाद पिछड़ों का आरक्षण शून्य कर दिया गया है, विद्यार्थियों को स्कोलरशिप नहीं मिल रहा है। ओबीसी की लड़ाई को धारदार बनाना है और जितनी जिसकी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी तय होना चाहिए। बिना ट्रिपल टेस्ट के नगर निकाय और पंचायत चुनाव करना ओबीसी के अधिकारों का हनन है।

प्रधान महासचिव डॉ अमरेन्द्र कुमार यादव ने कहा की समाजिक न्याय के लिए पिछड़ा वर्ग को आबादी के अनुरूप आरक्षण मिलनी चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार को बिहार की तर्ज पर जातिगत जनगणना अविलंब करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के दौर में अच्छी शिक्षा के बिना कामयाबी और अधिकार नहीं मिल सकता है। पहले आरक्षण 27 प्रतिशत मिलता था अब शून्य कर दिया है। आपसी मतभेद को भुला कर नए सिरे से संगठित होने की आवश्यकता है।

प्रो शम्भू सिंह ने कहा कि सफलता के लिए शिक्षा आवश्यक है। संगठित होकर आंदोलन करने से सरकार को पिछड़ों की मांग को माननी पड़ेगी।

प्रो विनोद शर्मा ने कहा कि आरक्षण पिछड़ों का संवैधानिक अधिकार है। 90 कि दशक में अखंड में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के अथक प्रयास से ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिला था। पिछड़ा वर्ग अभी भी संगठित नहीं हुआ तो इससे भी बुरा दिन देखने को मिल सकता है। हर जगह साजिश कर ओबीसी के प्रतिभा को दबाने का काम किया जा रहा है। उसे जो हक मिलना चाहिए उसे नहीं दिया जा रहा है।

शिक्षाविद शिवनारायण दर्वे ने कहा कि अपना अधिकार लेने के वृहद जनजागरूकता अभियान की आवश्यकता है। दुमका में पिछड़ों वर्ग के लिए हॉस्टल की व्यवस्था नहीं है। जिससे गरीब छात्रों को पढ़ने में काफी समस्या होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत में हाई स्कूल और प्रखंडों में डिग्री कॉलेज का निर्माण कराया जाना चाहिए। कोषाध्यक्ष अजित मांझी ने कहा कि आंदोलन को सफल बनाने के जनभागीदारी और बढ़ानी होगी। सरकार को अभिलंब पंचायत कोई इकाई मानकर अनुसूचित क्षेत्र का निर्धारण करते हुए सभी एकल पदों पर आरक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

विष्णु मांझी ने कहा कि मंदिर के नाम पर भाजपा ने सत्ता हासिल किया। पुनः वोट मांगने कोई नेता आये तो जनता को पूछना चाहिए हमारे लिए क्या काम किये हैं। हर गांव से 10 लड़कों का टीम बनाकर काम करना पड़ेगा।

मदन गुप्ता ने कहा कि आंदोलन को मुकाम तक ले जाने के लिए हर तरह का सहयोग करेंगे। दल गत भावना से ऊपर उठने की जरूरत है। इसके अलावा कार्यक्रम को बिहारी यादव, पूर्व मुखिया प्रमोद मंडल, जयकांत कुमार, घनश्याम लायक, पवित्र कुमार मंडल, नारायण बैध, सुबोध मंडल, प्रदीप चंद्र मंडल, हिमांशु मल्लिक, मृत्युंजय पंजियारा, अमित पांगीयारा, जयप्रकाश पंजियारा, प्रफुल्ल मांझी, फटिक चंद्र गोराई, आनंद मल्लिक, मंगल मंडल आदि लोगों ने संबोधित किया।

कार्यक्रम में अरुण पंजियारा, शंकर यादव, जगबंधु मंडल, जियाधर मंडल, रूपेश मांझी, शांति देवी, मालती देवी, रंजू देवी, नमिता देवी, निरंजन मलिक, तारकेश्वर राय, अरुण गोराई, मल्लिका कुमारी, कुसुम कुमारी, सरस्वती देवी, राधिका कुमारी, दीप्ति कुमारी, जमुना देवी, प्रीति कुमारी, राजकुमार राय, गौरीशंकर राय, शिवनाथ शाह, अकाल भंडारी सहित सैकड़ों महिला व पुरूष मौजूद थे।

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