टुसू पर्व में पारा शिक्षकों को मानदेय न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण: सोनू सरदार…
सरायकेला संजय मिश्रा:
सरायकेला। झारखण्ड के सबसे बड़े क्षेत्रीय पर्व टुसू (मकर संक्रान्ति) में राज्य भर के पारा शिक्षक इस बार मानदेय से महरूम रहेंगे। सरकार ने पारा शिक्षकों के मानदेय भुगतान मद में राशि की कमी का हवाला देते हुए टुसू पर्व से पहले मानदेय भुगतान में असमर्थता जताई है।
इस संदर्भ में एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा सरायकेला-खरसावां जिलाध्यक्ष सोनू सरदार ने कहा कि टुसू पर्व झारखण्डी संस्कृति के लिहाज से सबसे बड़े क्षेत्रीय त्यौहारों में से एक है। ऐसे बड़े अवसर पर पारा शिक्षकों को मानदेय से वंचित रखना दुर्भाग्यपूर्ण है।
राज्य सरकार की ऐसी उदासीनता मूल झारखण्डी भावना के विपरीत है। जहां राज्य में छठ और अन्य पर्वों पर सरकारी अधीनस्थ कर्मियों को अग्रिम वेतन भुगतान किया जाता है। जबकि टुसू पर्व पर मानदेय भुगतान नहीं किया जाना बाहरी अधिकारियों की साज़िश प्रतीत होता है जिसमें सरकार भी मौन सहमति प्रदान कर रही है।
सरकार चाहती तो किसी अन्य मद से भी फ़ौरी तौर पर मानदेय भुगतान कर सकती थी। टुसू पर्व पर राज्य के 65000 पारा शिक्षकों का परिवार खाली हाथ मायूस रहेगा। कुल मिलाकर पारा शिक्षक खासे आक्रोशित हैं। श्री सरदार ने कहा अगर त्यौहार से पहले मानदेय भुगतान नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।