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मां दूतावास के माध्यम से देगी पुलिस को शिकायत

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जमशेदपुर : फिलीपींस की राजधानी मनीला के ताई-ताई में युवा व्यापारी तरनजीत सिंह के हत्यारे कौन हैं?यह सवाल मां जसबीर कौर और घर वालों के दिमाग में कौंध रहा है.वह यह मानने को तैयार नहीं है कि किसी ने तरनजीत सिंह सैमी को मार डाला क्योंकि तरनजीत काफी हसमुख मिजाज और मेहनतकश युवक था.वह अपने काम से काम रखता था और दूसरों के मामले में हस्तक्षेप नहीं करता था.उसकी पारिवारिक स्थिति काफी विषम रही है लेकिन उसके माथे पर शिकन नहीं रही.नफरत करना उसने सीखा ही नहीं था.एक ही लगन और धुन सवार थी कि वह बहुत पैसा कमा कर अपनी मां जसवीर कौर को संसार की हर खुशी देगा.ये सारे सवाल जवाब जसबीर के दिमाग मे कौंध रहे हैं.

उन्होने बताया कि फिलिपींस (मनिला) आने और व्यवसाय शुरू करने के नाम पर एजेंट ने बड़ी राशि ली थी.ठगी होने के एहसास के बावजूद तरनजीत ने कभी उनके प्रति बुरा नहीं माना.एजेंट को कोसने की बजाए इसे नियति मान तरनजीत व्यवसाय में जुट गया.ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर उसकी हत्या क्यों की गई?किसने साजिश रची और अंजाम दिया? फिलीपींस के अपराध के ग्राफ एवं कारण को देखें तो ज्यादातर घटनाएं लूटपाट के इरादे से होती है.तरनजीत की हत्या हुई और दुकान से एक पैसा नहीं लूटा गया और ना ही हत्यारे कीमती सामान ले गए.
एक बात तो स्पष्ट है कि तरनजीत ने वहां जो तरक्की की,उससे कई लोग खार खाए हुए थे.देखते ही देखते तरनजीत ने एक दुकान से छह दुकानें खड़ी कर दी,वहां पहले से व्यवसाय कर रहे आस-पास के दुकानदार तरनजीत से जल-भुन गए और तकरार होने लगी.स्थानीय दुकानदार तरनजीत को सस्ते में सामान नहीं बेचने की ताकीद कर रहे थे क्योंकि उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा था.ऐसे में इंकार नहीं किया जा सकता कि सिंडिकेट बनाकर तरनजीत को रास्ते से हटाया गया हो.


भारत के पचास हजार से ज्यादा पंजाबी समुदाय के लोग मनीला में रहते हैं.वहां इनका मुख्यत: माइक्रोफाइनांस का ही धंधा है और इसको लेकर आपस में प्रतिद्वंदिता भी है.


तरनजीत के मामले में इसलिए साजिश की ओर सुई जाती है कि हत्यारों का मकसद तरनजीत को खत्म करना था,यदि वे लूटपाट के इरादे से आए होते तो दुकान से कैश लूटते और महिला मैनेजर को नुकसान पहुंचाते लेकिन उन्होंने दुकान में लूटपाट नहीं क.। नगदी भी नहीं ली और महंगा सामान भी नहीं ले गए.
तरनजीत जब रविवार को दोपहर में खाना खा रहा था तो दो हमलावरों में से एक युवक मैनेजर को पिस्तौल भिड़ाकर स्थानीय भाषा में कुछ कह रहा था तो दूसरा सामने के प्रवेशद्वार के पास पिस्तौल लेकर खड़ा था.स्थिति को नाजुक भांप तरनजीत पिछले दरवाजे से भागा और पार्किंग होते हुए मेन रोड जाने की कोशिश में था जिससे वह अपना बचाव कर सकें.परंतु दूसरे हमलावर ने पार्किंग में ही उसे सामने से घेर लिया और चार गोलियां मार दी और चलता बना.इससे तो यही जाहिर होता है कि वे तरनजीत को ही मारना चाहते थे.सारी स्थिति तो तभी स्पष्ट होगी जब पुलिस मामले की तह तक पहुंचेगी.अभी तक वहां एफ.आई आर.भी नहीं हुई है.


तरनजीत के मामा गुरदीप सिंह पप्पू के अनुसार लौहनगरी के प्रख्यात फौजदार मामले के वकील एडवोकेट प्रकाश झा एवं एडवोकेट सुधीर कुमार पप्पू से इस मामले में सलाह ली है.पप्पू के अनुसार रविवार को साकची गुरुद्वारा में अखंड पाठ रखा गया है और भोग मंगलवार दोपहर बारह बजे पड़ेगा.भोग के उपरांत वकीलों के सलाह पर ही वे दूतावास के माध्यम से मनीला पुलिस प्रमुख को बहन जसवीर कौर द्वारा लिखित शिकायत भेजेंगे.पप्पू के अनुसार उनका एक छोटा भाई कुलदीप सिंह मनीला में है और वे उसकी सुरक्षा को लेकर भी काफी चिंतित है.उनके अनुसार उन्होंने भाई की सुरक्षा एवं भगीना तरनजीत की मां की न्याय दिलाने की भावना को लेकर अपनी चिंता भारत के प्रधानमंत्री गृह मंत्री एवं विदेश में जता दी है और परिवार को उम्मीद है भारत सरकार न्याय प्रदान करेगी.

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