
एसबीयू में कैंसर जागरूकता पर व्याख्यान: दस में से आठ मरीज बच सकते हैं – डॉ. सतीश शर्मा
राँची । “कैंसर के विषय में जागरूकता के माध्यम से इस बीमारी के दस में से आठ मरीजों को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। जागरूकता नहीं होने की स्थिति में महज दस में से तीन मरीजों को ठीक करना ही मुमकिन होता है।” यह बातें कैंसर विशेषज्ञ डॉ. सतीश शर्मा ने कहीं। वे सरला बिरला विश्वविद्यालय में आयोजित सरला बिरला मेमोरियल व्याख्यान के अंतर्गत ‘करेंट ट्रेंड्स इन ऑंकोलॉजी: ए कंप्रिहेंसिव ओवरव्यू’ विषय पर संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय की फैकल्टी ऑफ अप्लाइड साइंसेज और फैकल्टी ऑफ नर्सिंग, पब्लिक हेल्थ एंड क्लीनिकल टेक्नोलॉजी ने आईक्यूएसी और इंस्टीट्यूशंस इन्नोवेशन काउंसिल के सहयोग से किया। डॉ. शर्मा ने कहा कि गरीबी, जागरूकता की कमी, सामाजिक मान्यताओं और वर्जनाओं के कारण कैंसर के उपचार में कई बाधाएं आती हैं। कई मरीज और उनके परिजन इस विषय पर खुलकर चर्चा नहीं करते, जिससे इलाज में देरी होती है। उन्होंने बताया कि एक कैंसर मरीज के लिए सोशल सपोर्ट, मानसिक दृढ़ता और पारिवारिक सहयोग बेहद आवश्यक है। उन्होंने कैंसर के प्रमुख कारणों में धूम्रपान, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता को गिनाते हुए सुझाव दिया कि रोजाना 45 मिनट की वॉक से इससे काफी हद तक बचाव किया जा सकता है। कीमोथेरेपी के अलावा उन्होंने इम्यून थेरेपी और सर्जरी जैसे आधुनिक विकल्पों की भी जानकारी दी। कार्यक्रम में कुलपति सी जगनाथन ने डॉ. शर्मा का स्वागत करते हुए उनके योगदान की सराहना की। महानिदेशक गोपाल पाठक ने कहा कि भूतकाल में कैंसर को लेकर समाज में भारी भय और असुविधा थी, लेकिन आज चिकित्सा जगत में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। उन्होंने कैंसर के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए जागरूकता के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया। स्वागत भाषण डॉ. नित्या गर्ग और धन्यवाद ज्ञापन आशुतोष द्विवेदी ने दिया। विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति बिजय कुमार दलान और राज्यसभा सांसद डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा ने कार्यक्रम के आयोजन पर प्रसन्नता जताई।
