ज्ञानदीप अकादमी में मनाया गया बाल दिवस
धूमधाम से मनाया गया…
अनगड़ा (अर्जुन कुमार) । ज्ञानदीप अकादमी मिलन चौक विद्यालय में बाल दिवस धूमधाम से मनाया गया । इस अवसर पर विद्यालय में पेंटिंग ड्राविंग क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सैंकड़ो छात्र छात्राओं ने भाग लिया सबों ने अपना अपना कला का प्रदर्शन किया । विद्यालय के प्राचार्या सुनीता देवी ने बताया कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर बाल दिवस मनाया जाता है उन्होंने इस मौके पर विद्यार्थियों को एक सफल जीवन जीने का आशीर्वाद दिया गुरु का अर्थ बताते हुए कहा कि अंधकार से प्रकाश की ओर ले जानेवाला ही शिक्षक होतें हैं इसलिए गुरुजनों का सदैव आदर करना चाहिए उप प्रचार्य मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने एक बार कहा था कि ‘आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे। हम जिस तरह से उनका पालन-पोषण करेंगे, वह देश के भविष्य को निर्धारित करेगा।’ प्रधानमंत्री बच्चों से बहुत प्यार करते थे। बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। यही वजह थी कि उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया। वे कहते थे कि टूटे हुए आदमियों की मरम्मत करने की तुलना में मजबूत बच्चे बनाना आसान है। बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं, उन्हें जिस तरह ढाला जाए वो वैसे बन जाते हैं । गौरतलब है कि पहले भारत में बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था। इसी दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व बाल दिवस मनाया जाता है। हालांकि जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद, उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने के लिए संसद में एक प्रस्ताव पारित किया गया था।
1964 में जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद से, उनकी जयंती पर 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। बाल दिवस का महत्व चाचा नेहरू के तौर पर लोकप्रिय जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चे देश का भविष्य और समाज की नींव होते हैं। बाल दिवस नेहरू की जयंती के अलावा, बच्चों की शिक्षा और अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी मनाया जाता है। स्कूलों में ऐसे मनाया जाता है बाल दिवस बाल दिवस पूरे देश में मनाया जाता है। इस दिन बच्चों को ढेर सारा प्यार और उपहार दिए जाते हैं। बाल दिवस स्कूलों में मनाया जाता है, जहां शिक्षक बच्चों के लिए कार्यक्रम का आयोजन करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं, जिसमें खाने की चीजें, किताबें और कार्ड शामिल होते हैं। बच्चों को बेसब्री से बाल दिवस का इंतजार रहता है क्योंकि इस दिन उन्हें शिक्षकों को अपने लिए परफॉर्म करते हुए देखने का मौका मिलता है। मौके पर शुष्मा कुमारी मुंडा सदानन्द कुमार स्मृति कुमारी चंचला कुमारी सुल्तान खातून मनीषा कुमारी एवं अन्य शिक्षक शिक्षिकायें उपस्थित रहे ।