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रांची : 77 साल के बुज़ुर्ग को वृद्धावस्था को पेंशन दिलाने में व्यवस्था तंत्र फेल…

दीपक नाग… ✍️

मामला ईचागढ़ विधानसभा सभा क्षेत्र से संबंधित है, 77 वर्ष के बुजुर्ग जो कि ग्राम प्रधान भी है । बलभद्र गोराई के नाम से जाना जाता है । सालभर से मानदेय नहीं मिला है। वह ईचागढ़ अंचल कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई भी समस्या का समाधान अब तक नहीं कर पाया ।

बलभद्र गोराई को न तो सरकारी वृद्धा पेंशन मिल रही है और न ही ग्राम प्रधान की मानदेय। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। महंगाई के इस दौर में सरकारी सुविधाओं से वंचित है ।

बताया जाता है कि, श्री गोराई ने अपनी समस्या को हल करने के लिए कई बार पत्राचार किया है । पर समस्या का समाधान नहीं हो सका । फरवरी में भी उन्होंने अपनी मानदेय को नियमित करने की कोशिश की, पर ढाक के वहीं तीन पात जैसी बनी रही ।

हो सकता है कि, बलभद्र गोराई के संबंधित कागजातों में कहीं कुछ त्रुटी रहा होगा, अगर ऐसा है भी तो जिम्मेदार विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों का क्या जिम्मेदारी होता है ? जन समस्याओं को निपटारा करना इन सबों की जिम्मेदारी भी है और सरकार इसी कम के लिए उन सबों को रखा भी है ।

जाहिर है, सरकारी दफ्तरों से निराशा हाथ लगने से सरकार को ही दोषी आम तौर पर ठहराते हैं लोग।‌ क्षेत्र के सांसद और विधायक तक इस आलोचना से खुद को अलग नहीं कर सकता है ।

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