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सड़क दुर्घटनाओं पर केन्द्र की नई पहल

एप्लीकेशन के माध्यम से जल्द स्वास्थ्य सुविधा पहुंच

सकेगी घायलों तक……

साहिबगंज (रण बिजय गुप्ता(संथाल ब्यूरो) सड़क हादसा पर नजर रखने और सड़क हादसों को कम करने की दिशा में विभिन्न गतिविधियों से प्रयास किया जा रहा है।सरकार के द्वारा इस दिशा में एक नई पहल शुरू किया जा रहा है।ज़िला में कहीं भी होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर एक एप्लीकेशन के जरिए केंद्र की सीधी नजर रहेगी।

 

इसे लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभागार में पुलिस उपाधीक्षक योग नारायण तिवारी के नेतृत्व डिस्ट्रिक्ट रोलआउट मैनेजर एनआईसी साहिबगंज द्वारा पुलिस पदाधिकारियों, साहिबगंज अनुमंडल के थाना प्रभारियों एवं कार्यालय में कार्यरत सभी कंप्यूटर ऑपरेटर को एप्लीकेशन को लेकर ट्रेनिंग भी दी गई है। ट्रेनिंग के दौरान एप्लीकेशन से संबंधित आवश्यक बारीकियों को विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। जिसमें अब तक बोरियों थाना,रांगा थाना एवं तीनपहाड़ थाना द्वारा ऑनलाइन साइट के लिए प्रतिवेदन किया गया है। वही प्रखंड कार्यालय स्थित राजमहल सभागार में भी राजमहल अनुमंडल क्षेत्र के सभी थाना प्रभारियों पुलिसकर्मियों एवं कंप्यूटर ऑपरेटर को भी इसकी ट्रेनिंग दी गई। इस आप्लिकेशन के ज़रिए दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों का विश्लेषण कर आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का प्रयास किया जाएगा।

सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी उमेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि ओरिएंटेशन प्रोग्राम के जरिए ट्रेनिंग देने के लिए जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट रोलआउट मैनेजर की नियुक्ति भी की गई है ।जिन्होंने सफलता पूर्वक प्रशिक्षण संपन्न कराया है।

*कैसे काम करेगा एप्लीकेशन*

दुर्घटनाओं में नियंत्रण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय सूचना केंद्र (NIC) और IIT मद्रास के सहयोग से iRAD (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) मोबाइल ऐप तैयार किया है। रांची में एक जनवरी से यह शुरू हो गया है। इसके अलावा झारखंड के अन्य जिलों में भी इस ऐप का इस्तेमाल शुरू कर डाटा अपलोड करने का काम जारी है।आईआरएडी ऐप के जरिए यह पता चल सकेगा कि सड़क दुर्घटनाएं क्यों हो रही है।किस इलाके में सबसे अधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं।

जिले में कितने ब्लैक स्पॉट हैं। ऐसी तमाम जानकारी ऐप के जरिए डेटाबेस तैयार होकर आईआईटी मद्रास के पास पहुंचेगा। सड़क हादसों का आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञ द्वारा विश्लेषण किया जाएगा।उनके सुझाव के आधार पर पीडब्ल्यूडी-एनएनएआई, परिवहन विभाग और अन्य संबंधित विभाग मिलकर सड़क का डिजाइन और दूसरी खामियों को दूर करने का काम करेंगे।आईआरएडी ऐप के माध्यम से दुर्घटना स्थल से ही ऑन द स्पॉट इंट्री की जा सकेगी। मौके पर ही एक्सीडेंट का फोटो लेकर उससे जुड़े तथ्य, व्यक्तियों व वाहन आदि की जानकारी भरी जा सकती है।इससे इलाज में भी आसानी होगी।सड़क दुर्घटना होने पर अगर मौके पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही किसी हॉस्पिटल में घायलों को ले जाया जाता है तो फौरन वहां इलाज शुरू हो जाएगा।

* एप्लीकेशन के माध्यम से जल्द स्वास्थ्य सुविधा पहुंच सकेगी घायलों तक*

इस नई पहल पर स्वास्थ्य विभाग को भी इससे जोड़ा गया है ।साथ ही सभी पीएचसी और सीएचसी को भी लॉगिन दिया गया है।ये अपने यहां भर्ती मरीज का डिटेल जैसे ही भरेंगे, संबंधित थाना प्रभारी को भी इसकी सूचना हो जाएगी।मतलब अब घायलों को इलाज में काफी आसानी होगी। जानकारी के अनुसार घायल का क्या इलाज हो रहा है, कौन-कौन सी दवा दी जा रही है इसका भी डिटेल अपलोड होता रहेगा।

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