सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु प्रशासन आवश्यक कदम
उठाए : मनोज कुमार चौधरी…
सरायकेला Sanjay । सरायकेला नगर पंचायत उपाध्यक्ष सह चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव मनोज कुमार चौधरी ने बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा नियमित अंतराल में बैठक होती है। लगता है बैठक में केवल कोरम को पूरा किया जाता है। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिए गए निर्णय धरातल पर नहीं दिखते। सड़क सुरक्षा के नाम पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा छोटे छोटे वाहनों को हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए परेशान किया जाता है। जबकि अनफिट बड़े वाहन नियमों को ताक पर रखकर सेटिंग गेटिंग से बेरोकटोक चल रहे हैं। प्रति माह हमारे इस क्षेत्र के 15-20 लोगों की जान जाती है और सैकड़ों लोग गंभीर सड़क दुघर्टना में घायल होते हैं। जबकि सड़क सुरक्षा समित को ऐसी विधि या उपाय करना है कि जिससे सड़क दुर्घटना में लोगों को चोट लगने और उससे मौत होने आदि की घटनाऐं न के बराबर हो।
दुर्घटनाएं राेकने के लिए सड़क सुरक्षा समिति के उठाये गये कदम कारगर नहीं हो पा रहे हैं। चिंता की बात है कि दुर्घटनाओं के काफी संख्या में बेगुनाह मारे जा रहे हैं। इस मामले में प्रशासन की लापरवाही भी कम नहीं है, यहां तक कि आज तक ऐसी कोई रिपोर्ट तक जारी नहीं की गई है। जिसमें यह पता चल सके कि सड़कों की कमी की वजह से कितने लोगों की जान चली गई है और किसी की माैत के लिए कौन जिम्मेदार थे। सरायकेला जिला मुख्यालय में रिंग रोड की मांग वर्षो पुरानी है यह हाल तब है जब सुप्रीम कोर्ट सड़क दुर्घटनाओं पर नजर रख रहा है। सड़कों पर डिजाइन ही नहीं छोटे छोटे कारण भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं, जिनसे दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोगों की जाने जा रही है। खराब डिजाइन और रोशनी की कमी के कारण दुर्घटनाओं की आशंका घुमावदार सड़क, नशा, ओवरटेक, ब्लैक स्पाट्स, अवैध कट, खराब डिजाइन और रोशनी की कमी के कारण दुर्घटनाओं की आशंका रहती है।
दुर्घटनाओं के उपरांत सरायकेला मुख्यालय का सदर अस्पताल वर्तमान में रेफरल अस्पताल की भूमिका अदा करता हुआ एवं सरायकेला-खरसावां जिले दुर्घटनाग्रस्त मरीजों के लिए कोई भी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं है ना समय पर मरीजों को एंबुलेंस मिलता है। उपायुक्त सह अध्यक्ष सड़क सुरक्षा समिति से आग्रह होगा कि जान माल की रक्षा हेतु सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एवं दुर्घटनाग्रस्त मरीज को आवश्यक प्राथमिक स्वास्थ सेवा/एंबुलेंस उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जारी करें।