वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे पर खास :
देश सहित विश्व की बड़ी आबादी हाइपरटेंशन की चपेट में…..
साइलेंट किलर साबित हो रहा है हाइपरटेंशन : डॉ विपिन चंद्र गुप्ता…
सरायकेला Sanjay । अनियमित दिनचर्या, स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह रहन-सहन, भागम भाग जीवन शैली और असंतुलित भोजन आम जनजीवन में तनाव को जन्म दे रहे हैं। जिससे अस्वास्थ्यकर स्तर तक रक्तचाप बढ़ने से उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन रोग का जीवन में समावेश हो रहा है। वर्तमान की जीवन शैली में परंपरागत रूप से बुजुर्गों को प्रभावित करने वाली हाइपरटेंशन बीमारी की पुरानी स्थिति की चपेट में अब कम उम्र के लोग भी बड़ी संख्या में आ चुके हैं। साइलेंट किलर के रूप में कार्य करने वाले हाइपरटेंशन बीमारी के मामलों का आंकड़ा जिले में भी लगातार प्रगति पथ पर बताया जा रहा है। जिसमें राह से गुजरते और मिलते मिलाते पांच में से एक व्यक्ति हाइपरटेंशन का शिकार बताया जा रहा है।
जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विपिन चंद्र गुप्ता बताते हैं कि प्रतिदिन जांच के क्रम में अधिकांश बीमारियों के मूल में हाइपरटेंशन की समस्या देखी जा रही है। वर्तमान की आधुनिकता की दौड़ में यह स्वास्थ्य समस्या पुरुष और महिला दोनों में ही सामान्य रूप से बढ़ी है। वे बताते हैं कि दुनिया भर में मौतों के लिए यह एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। हालांकि सही दवा और देखभाल से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। और आयुर्वेद रक्तचाप को नियंत्रित करने में प्रभावी है। जड़ी बूटियां रक्त परिसंचरण में सुधार और रक्तचाप को कम करने के लिए फायदेमंद हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से वर्तमान में उच्च रक्तचाप का कोई समुचित इलाज नहीं है। लेकिन दवा के बिना भी इसे प्रबंधित करने के लिए कदम उठाया जा सकता है।
वे बताते हैं कि रक्तचाप को स्वाभाविक रूप से कम करने के लिए 7 तरीके जीवन शैली में अपनाएं जा सकते हैं। जिसमें अपने दिल को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए प्राकृतिक तनाव निवारक के रूप में नियमित रूप से व्यायाम आवश्यक है। वसायुक्त, सोडियम युक्त खाद्य पदार्थ उच्च आहार रक्तचाप के लिए हानिकारक है। फलों और सब्जियों, लीन मीट, उच्च फाइबर और साबुत अनाज में उच्च आहार को चुना जाना बेहतर विकल्प है। अपने वजन को शरीर के लिए नियंत्रित रखने पर दिल पर दबाव कम होने से रक्तचाप नियंत्रित रहने में सहायता मिलती है।
सोडियम का सेवन सीमित करते हुए कम या बिना सोडियम वाले खाद्य पदार्थों की तलाश की जानी चाहिए। इसके साथ ही तनाव के स्तर को कम करते हुए ध्यान के माध्यम से तनाव के स्तर को कम करने के लिए काम किया जाना चाहिए। इसके लिए एक सुखद शौक ढूंढा जा सकता है। डॉ गुप्ता बताते हैं कि सबसे बेहतर विकल्प के रूप में योग इसके अंतर्निहित कारणों को दूर करते हुए तनाव से प्रेरित उच्च रक्तचाप को कम कर सकता है। यह संवेदी तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और मांस पेशियों एवं मन को गहराई से आराम दिलाते हुए हृदय को दिमाग कर देता है।
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