सरकारी शिक्षक के पद पर सीधे समायोजन का दावा करेंगे टेट
पास सहायक अध्यापक, कुणाल दास……
सरायकेला। राज्य भर के तमाम के पास सहायक अध्यापक सीधे समायोजन के लिए स्वतंत्र रूप से संघर्ष करेंगे। टेट पास सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश वार्ता कमेटी के सदस्य कुणाल दास ने प्रेस बयान जारी कर उक्त बातें कही है। उन्होंने कहा है कि एकीकृत मोर्चा से अलग होकर स्वतंत्र रूप से अपनी लड़ाई लड़ने का ऐलान करते हुए 55 सदस्यीय राज्य कोर कमेटी और 12 सदस्यीय वार्ता कमेटी का गठन किया गया है।
महाधिवक्ता की राय तथा एनसीटीई और नई शिक्षा नीति के मापदंडों के आधार पर टेट पास सहायक अध्यापक शिविर सरकारी शिक्षक बनने की पूर्ण अहर्ता रखते हैं। बावजूद इसके एकीकृत मोर्चा के साथ रहकर सभी वर्गों के सहायक अध्यापकों का कल्याण चाहते हुए सामूहिक संघर्ष का हिस्सेदार रहे। उन्होंने कहा है कि टेट पास सहायक अध्यापक 9300-34800 पे स्केल के हकदार होते हुए भी 5200-20200 पे स्केल पर संतोष जताते हुए सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर इंतजार करते रहे। परंतु सभी के हितों की रक्षा करने के चक्कर में टेट पास सहायक अध्यापक अपना वाजिब हक की तिलांजलि दे बैठे।
पूर्व की रघुवर सरकार के समय भी टेट पास सहायक अध्यापकों को वेतनमान दिया जाना तय था। इस सरकार ने भी वेतनमान देने की सारी प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली थी। परंतु अंतिम क्षणों में एकीकृत मोर्चा के भीतरघातियों और कुछ बाहरी नकारात्मक लोगों ने सरकार को गुमराह किया। इसके बाद महाधिवक्ता की राय को भी धत्ता बताते हुए वेतनमान के लिए चल रही प्रक्रिया को मात्र मानदेय बढ़ोतरी में बदल डाला गया। इसलिए एकीकृत मोर्चा का कोई औचित्य नहीं है। जिसे लेकर टेट पास सहायक अध्यापक संघ झारखंड प्रदेश द्वारा निर्णय लिया गया है कि एकीकृत मोर्चा से अलग होकर 9300-34800 पे स्केल के साथ सीधे समायोजन के लिए सरकार से बातचीत किया जाएगा।
इसके अलावा स्टेट विसंगति की समस्या का भी स्थाई संविधान को वरीयता सूची में रखा गया है। नयी टेट स्क्वायड अनुभव, जानकारी और युवा जोश से लवरेज है। इसके साथ ही मिशन हाई कोर्ट टीम के साथियों के द्वारा कानूनी एवं तकनीकी जानकारियों का लाभ भी टेट पास सहायक अध्यापकों को मिलेगा। जल्द ही कोर कमेटी की बैठक कर शिक्षा मंत्री से मिलने का कार्यक्रम तय किया जाएगा। और उसी बैठक में प्रमंडल, जिला एवं प्रखंड कमेटी के गठन की तिथि भी तय की जाएगी। उन्होंने कहा है कि समायोजन से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। और इसके लिए प्रतिबद्ध होकर संघर्ष के लिए तैयार हैं।