उपायुक्त की अध्यक्षता में अंचल कार्यालय अंतर्गत संचालित योजनाओं की हुई समीक्षा बैठक . . .
सभी अंचलधिकारी प्रखंड स्तर पर योजनाओं की समीक्षा करे; पिछड़े योजनाओं में सुधारात्मक प्रगति लाएं: उपायुक्त।
सरायकेला SANJAY। जिला समाहरणालय स्थित सभागार में जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में अंचल कार्यालय अंतर्गत संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में उपायुक्त के साथ अपर उपायुक्त सुबोध कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला राम कृष्ण कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी चांडिल रंजीत लोहरा एवं सभी अंचलाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान उपायुक्त ने अंचल कार्यालय अंतर्गत किए जा रहे कार्य जैसे रसीद जमाबंदी, दाखिल ख़ारिज, आपसी बजवारा, परिशोधन सीमांकन, सकसेशन मोटेशन, लगन वसूली, पीएम किसान ई केवाईसी, ग्रिवांसेस, जाति प्रमाण पत्र समेत विभिन्न कार्यों की प्रगति का अंचलवार समीक्षा किया कर निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध शेष बचे कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए। समीक्षा क्रम में उपायुक्त ने ऐसी योजनाएँ जिनके कार्य प्रगति धीमी है, में सुधारात्मक प्रगति लाने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि सभी अंचलाधिकारी अंचल स्तर पर योजनाओं की समीक्षा कर संबंधित पदाधिकारियों के साथ आपसी तालमेल स्थापित करते हुए कार्य में प्रगति लाना सुनिश्चित करें। वही जाति प्रमाण पत्र निर्गत संबंधित कार्य प्रगति का समीक्षा करते हुए शेष बचे लंबित कार्य को नियमानुसार जल्द से जल्द निष्पादित करने के निर्देश दिए। वहीं मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना अंतर्गत प्राप्त नए आवेदनों का वेरिफिकेशन कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करने, प्रधानमंत्री किसान इकेवाईसी के लंबित कार्य को पूर्ण करने हेतु संबंधित किसान के साथ तालमेल स्थापित करते हुए उन्हें प्रेरित कर नजदीकी प्रज्ञा केंद्र एवं अंचल स्तर पर लगाए जा रहे आधार केंद्र के माध्यम से ईकेवाईसी कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक के अंत में उपायुक्त ने कहा कि जिला समाहरणालय में आयोजित जनता दरबार, स्थानीय समाचार पत्र एवं सोशल मीडिया समेत विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सूचना अथवा शिकायत पर त्वरित संज्ञान ले नियमानुसार समाधान सुनिश्चित करें। ताकि लोगों को विभिन्न कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े। उपायुक्त ने कहा कि कार्यालय में विभिन्न समस्याओं को लेकर आ रहे फरियादियों से प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को अवश्य मिले। उनके समस्या समाधान पर चर्चा करते हुए निष्पादन करें। अगर निष्पादन उक्त कार्यालय से नहीं किया जा सकता तो उन्हें लीगल एडवाइस अवश्य दें। ताकि शिकायतकर्ता को विभिन्न कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े। और उन्हें बिचौलियों के चक्कर में ना लगना पड़े।