Special Report :-
एक आंगनबाड़ी केंद्र ऐसा भी जिसकी दीवारें है किताब, देती है
बच्चों को ज्ञान…..
(यहां का आकर्षण आपको भी बच्चा बनने और पढ़ने के लिए कर देगा मजबूर)
सरायकेला। कहते हैं कि संपन्नता में प्रदर्शन किए तो क्या? अभाव और सीमित संसाधन में बेहतर कर दिखाए वही जंगबाज है। कुछ ऐसा ही नजारा सरायकेला खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत कुड़मा पंचायत के छेड़ियापहाड़ी में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में देखा जा रहा है। और ऐसे श्रेष्ठ प्रदर्शन का व्हीलपावर उक्त आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत आंगनबाड़ी सेविका बागी हेंब्रोम में देखा जा रहा है।
जिन्होंने इनोवेटिव प्रदर्शन कर आंगनबाड़ी केंद्र को एक उपयोगी और आकर्षक लुक देने का कार्य किया है। जहां की दीवारें एक कंप्लीट किताब बनी हुई है। और वहां पढ़ रहे नौनिहालों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रत्यक्ष दुनिया का भान भी करा रही है। ज्ञानवर्धक चित्रों से सुसज्जित उक्त आंगनबाड़ी केंद्र का उन्नयन और नवीकरण एचआरडीपी परियोजना के तहत किया गया है। जो शहर से दूर वीरान और नक्सल प्रभावित इलाके में शिक्षा का अलख जगाने का मिसाल पेश कर रहा है।
यहां पढ़ने वाले बच्चे खुद बनते हैं टीचर :-
800 की जनसंख्या वाले छेड़ियापहाड़ी गांव में अवस्थित उक्त आंगनबाड़ी केंद्र में 30 बच्चे नामांकित हैं। जो प्रतिदिन आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्र की दीवारों पर चित्रों के साथ अल्फाबेट की पढ़ाई सहित पर्यावरण और जीव जंतुओं की दुनिया की जानकारी हासिल करते हैं। यह नौनिहालों के लिए रोचक और रुचिकर होने के साथ-साथ खेल खेल में पढ़ाई का अवसर प्रदान कर रहा है। जहां चाह वहां राह की कहावत को चरितार्थ करता उक्त आंगनबाड़ी केंद्र सरकारी संस्थानों को सफेद हाथी मानने वाले लोगों के मन की शंकाओं को भी दूर कर रहा है।