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सुविधा देने के बजाय वापस लेने का काम बंद करे सरकार: प्रीतम सिंह भाटिया . . .

सरायकेला SANJAY । ऑल इंडिया स्माॅल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर ऐसोसिएशन के बिहार, झारखंड और बंगाल प्रभारी प्रीतम सिंह भाटिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि 1947 के बाद दर्जनों सरकारें आईं और गईं, लेकिन पत्रकार साथियों को आखिर क्या मिला? श्री भाटिया ने कहा कि न केंद्र और न अधिकांश राज्य इस पर मंथन करने को तैयार हैं कि देश की आजादी के बाद पत्रकार किन विकट परिस्थितियों में जीवन-यापन को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार सुविधा देने के बजाय सुविधा वापसी के अभियान में सक्रिय हैं. श्री भाटिया ने केंद्र सरकार द्वारा कोरोनाकाल में पत्रकार साथियों की बंद हुई रेल रियायत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “वो जो गद्दी पर बैठे हैं क्या वो देने की बजाय सुविधाएं वापस लेने के लिए कोई अनोखा अभियान चला रहे हैं”.

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श्री भाटिया ने कहा कि पहले तो एक्रिडेशन के लिए माथापच्ची करो फिर रेल विभाग के चक्कर लगाओ तब जाकर पत्रकार को रेल यात्रा में कुछ छूट मिलती थी और अब वह भी कोरोना का बहाना बनाकर बंद कर दी गई. अब सत्ता और विपक्ष का ही रोल इस पर देख लीजिए न कोई मंत्री, न ही सांसद, न विधायक और कोई बड़ा नेता इस मामले पर बोले. सिर्फ और सिर्फ AISMJWA ने ही हमेशा पत्रकारहित के विषयों को केंद्र और राज्य सरकारों तक पहुंचाने का काम किया है चाहे टोलब्रिज या रेलवे किराए में रियायत की बात हो या फिर प्रधानमंत्री आवास में प्राथमिकता की बात हो या फिर पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की बात हो सभी विषयों को उठाने में ऐसोसिएशन हमेशा नंबर वन की भूमिका में नजर आया है. श्री भाटिया ने कहा कि विपक्षी नेता सोशल मीडिया पर बोलते नजर आए कि देश में मीडिया की स्वतंत्रता का स्थान और आंकड़े निराशाजनक हैं लेकिन उनसे मैं पूछता हूँ विपक्ष ने पत्रकार साथियों के मुद्दे पर कभी आंदोलन या प्रधानमंत्री को पत्राचार किया है क्या?

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