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चार सूत्री मांगों के समर्थन में अजाप्टा के शिक्षकों ने दो दिवसीय काला बिल्ला लगाकर

कार्य करने का अभियान किया शुरू…

सरायकेला। शिक्षा एवं शिक्षक हितों के समर्थन में चार- सूत्री मांगों को लेकर सरायकेला-खरसावां जिले के शिक्षकों का विभाग के प्रति आक्रोश उबाल पर है। बीते 15 अक्टूबर को अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ संगठन के प्रदेश इकाई के द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में जिले भर के सैकड़ों शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर आंदोलन के प्रथम चरण का आगाज किया। 5 नवंबर शनिवार को भी जिले भर के शिक्षक काला बिल्ला लगाकर विद्यालीय काम करेगें। जिसमें 4-सुत्री मांगों के तहत बिहार की तर्ज पर “एमएसीपी” की मांग जो सभी कोटि के शिक्षकों के लिए है, मिलनी चाहिए, छठे वेतन आयोग के वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए इन्ट्री पे स्केल की मांग, इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर को सरल व सुगम बनाना, आरटीई के मान्यदंडों के प्रतिकूल एनजीओ के दबाव में गैर शैक्षणिक कार्यों की बहुलता से पूर्णरुपेण निजात जैसी मांगे शामिल हैं। उक्त मांगों को लेकर संघीय पदाधिकारियों ने समय समय पर विभाग को ज्ञापन सौंपा है, शिष्टाचार मुलाकात किया है, इसके आलोक में विभागीय मीटिंग भी की गयी है फिर भी सकारात्मक हल नहीं निकला है। उक्त जानकारी देते हुए संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक दत्ता ने बताया है कि शिक्षकों का आरोप है कि झारखंड में बिहार के प्रोन्नति नियमावली प्रभावी है। बिहार में “एमएसीपी ” जो सेवाकाल में अधिकतम तीन अतिरिक्त इन्क्रीमेंट प्रावधानित है, मिल गया है। लेकिन झारखंड के शिक्षकों को नहीं मिला है।छठे वेतन आयोग द्वारा निर्धारित इन्ट्री पे स्केल सचिवालय कर्मियों को दिया गया लेकिन शिक्षकों को परे रखा गया। इससे सरकार के दोहरा चरित्र प्रर्दशित होता है। सौतेलापन व्यवहार से आहत अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ ने आर-पार की लड़ाई का चरणबद्घ आंदोलन की घोषणा की है जिसमें आगामी 4 एवं 5 नवंबर को काला बिल्ला लगाना। 7 से 12 नवंबर को जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपना। आगामी 19 नवंबर को राजभवन के समक्ष रोषपूर्ण प्रर्दशन। आगामी 17 दिसंबर से राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन किया जाएगा। शुक्रवार के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक दत्ता , श्रीसिंह बास्के, मानिक प्रसाद सिंह, मनोज कुमार सिंह, देवेंद्र नाथ साहू, शैलेंद्र कुमार, चितरंजन महतो, अमीर राउत, कमल कुमार, सुदामा माझी, अजीत कुंभकार, संजय साहू, शैलेश तिवारी, राजेश मिश्रा, अमर उरांव, बलराज हांसदा, अश्विनी मिश्रा, गदाधर महतो, बृजेश्वर साहू, संजीव कुमार महतो, हेमंत मार्डी, अरुण प्रसाद बर्मन, दिलीप गुप्ता, हेमंत महतो, रविंद्र कुमार मछुआ, बेदियाजी, पप्पू प्रमाणिक, निखिल कुंभकार, गुरदास चांद, रमन रंजन महतो, गंगासागर मंडल, सुषमा बनर्जी, शीला झा, इंदु वर्मा, श्रीकांत पारीत, संजय कुमार श्रीवास्तव, विनोद कुमार, दिनेश दास, लालटु हलदर, सानगी लोगों, राकेश साहु, मनोज गुप्ता, शमीम अंसारी, नसीम अहमद, अखलाकुल इश्लाम सहित संगठन के सैकड़ों सक्रिय शिक्षक एवं शिक्षिका सम्मिलित रहें।

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