झारखंड आंदोलन सम्मान समिति ने शहीद दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री
को सरायकेला के हेंसा गांव और खरसावां शहीद स्थल आने का दिया न्योता…
सरायकेला। SANJAY झारखंड आंदोलनकारी सम्मान समिति द्वारा इस वर्ष शहीद दिवस के अवसर पर 1 जनवरी 2023 को देश के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को सरायकेला आने का न्योता दिया गया है। समिति के अध्यक्ष शंकर सोय एवं सचिव अतुल सरदार ने इस बाबत झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र सौंपकर आमंत्रण दिया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि 1 जनवरी 1948 को हुए खरसावां गोलीकांड के प्रत्यक्षदर्शी रहे स्वर्गीय दशरथ मांझी भुरकुली गांव के और स्वर्गीय मांगू सोय हेंसा गांव के थे। आजाद भारत में 1 जनवरी 1948 को हुए खरसावां गोलीकांड में तत्काल उड़ीसा सरकार के सिपाहियों ने झारखंड आंदोलनकारियों के ऊपर बर्बरता दिखाते हुए काफी संख्या में आदिवासियों को मारा था। बहुत आदिवासी गोलियों से विकलांग और घायल हुए थे। इस घटना के बाद इस गोलीकांड का न्यायोचित खोजबीन नहीं हुआ। झारखंड अलग राज्य के लिए आंदोलन चलता रहा। और उसी का परिणाम आज झारखंड अलग राज्य हुआ। परंतु दुख की बात है कि जिन आंदोलनकारियों ने अलग राज्य के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी, उन लोगों को सम्मान देने के लिए आज तक शहीदों के खरसावां शहीद पार्क में किसी प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति का आगमन नहीं हुआ है। इसलिए उन्होंने झारखंड आंदोलनकारी सम्मान समिति की ओर से भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को हार्दिक आमंत्रण देते हुए 1 जनवरी 2023 को खरसावां शहीद पार्क एवं गोलीकांड के प्रत्यक्षदर्शी स्वर्गीय मांगू सोय की समाधि स्थल सरायकेला के हेंसा गांव आकर पुष्पांजलि देने का अनुरोध किया है। इस अवसर पर झारखंड आंदोलनकारी राज किशोर लोहरा भी मौजूद रहे।
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