ग्राम प्रधानों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर माझी पारगाना
महाल ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन…..
सरायकेला। माझी पारगाना महाल की जिला कमेटी की ओर से जिले के ग्राम प्रधानों के पदों पर होने जा रही नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर प्रश्न खड़ा किया गया है। जिसे लेकर माझी पारगाना महाल ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है।
जिसमें उन्होंने बताया है कि दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से आगामी 15 मार्च तक ग्राम प्रधान, डाकुआ और नायके के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरा करने के लिए सभी अंचलाधिकारियों एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है। इससे आदिवासी परंपरागत स्वशासन के लोग दिग्भ्रमित हो रहे हैं कि जिले में परंपरागत ग्राम प्रधानों की नियुक्ति हो रही है या अन्य किसी और ग्राम प्रधानों की नियुक्ति हो रही है। इस संबंध में माझी पारगाना महाल ने 4 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है।
जिसमें सरायकेला खरसावां जिला अनुसूचित जिला है या नहीं। अनुसूचित जिलों के गांव में ग्राम सभा का आयोजन प्रक्रिया क्या है? और ग्राम सभा में पारंपरिक ग्राम प्रधान जैसे माझी बाबा और मुंडा की अध्यक्षता का अधिकार है या नहीं? पांचवी अनुसूची के प्रावधानों का जिले में अनदेखी हो रहा है या नहीं? यदि नहीं तो डाकुआ और नायके की परंपरागत पद पर नियुक्ति कैसे हो रही है?
जिले के गांवों में डाकुआ और नायके के परंपरागत पद रिक्त हैं। इसकी सूचना किस स्रोत से प्राप्त हुई है? ज्ञापन सौंपने वालों में दिवाकर सोरेन, बाबलू मुर्मू, श्यामल मार्डी, रामेश्वर बेसरा, फाकीर मोहन टूडू, विरमल बास्के, सुंदर मोहन हेंब्रम, नवीन मुर्मू, जबुराज टूडू, विराम सोरेन, सोखेन हेंब्रम, संजीव टूडू, जगन्नाथ किस्कू, जागरण मुर्मू एवं सावना टूडू शामिल रहे।
