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गांधी जयंती के अवसर पर जेल अदालत का आयोजन कर रिहा किए गए छह बंदी…..

सरायकेला (संजय मिश्रा) राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर स्थानीय सरायकेला मंडल कारा में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जेल अदालत में कई बंदियों के द्वारा दिए गए आवेदन में कुल 18 मामलों पर विचार किया गया। आयोजित जेल अदालत में 4 मामलों का निष्पादन हुआ तथा 6 अभियुक्त मुक्त हुए। 3 मामला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तथा 1 मामला अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, सरायकेला के न्यायालय से निष्पादित हुए। कार्यक्रम मे प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार, पुलिस अधीक्षक आनन्द प्रकाश, जिला न्यायाधीश प्रथम अमित शेखर मुख्य रूप से उपस्थित हुए। साथ ही अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कवितांजली टोप्पो, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुमार क्रांति प्रसाद तथा अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अमित आकाश सिन्हा, स्थानीय कारागार के अधीक्षक हिमानी प्रिया भी उपस्थित रहे। इसके अलावा न्यायालय के कर्मी, कारागार के कर्मी और सुधारगृह के तमाम बंदी उपस्थित रहे।

ब्रह्मकुमारी के दो बहनों ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। सुधारगृह के बंदियों को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कारा सीमित बंदियों से एक अच्छे नागरिक बनने की सलाह दी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सभी इंसान से अपने जीवन में कुछ ना कुछ गलती होती है परंतु उससे सबक लेते हुए आगे बढ़ने का नाम ही जीवन है। उन्होंने भी कारा सीमित बंदियों से एक जिम्मेदार नागरिक बनने की गुजारिश की। जिला न्यायाधीश प्रथम, विधिक जागरूकता के तहत कारा सीमित बंदियों को प्ली बारगेनिंग और सुलह समझौते से वाद को निष्पादन कराने की सलाह दी और उनसे अनुरोध किया कि आने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत में अवसर का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने सुधार गृह में आत्ममंथन करने की बात कही और कहा कि इंसान कोई अच्छा या बुरा नहीं होता, उसके अंदर का गुण या अवगुण उसके अच्छाई और बुराई को बताता है। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436 ए और विभिन्न अन्य कानूनों के बारे में भी जानकारी दी।

 

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा विधिक सेवाओं के बारे में भी जानकारी दी गई। यह भी बताया गया कि अगर कोई कैदी जो गरीब है, महिला, अनुसूचित जाति जनजाति के लोग अपने मुकदमे के लड़ने के लिए बिल्कुल निशुल्क वकील और अन्य विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं।  कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण बंदियों के बीच वॉलीबॉल, शतरंज, कैरम बोर्ड और बैडमिंटन की प्रतियोगिता का आयोजन रहा। इस कार्यक्रम और खेलकूद प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश और पुलिस अधीक्षक के द्वारा पारितोषिक देकर उनकी हौसला अफजाई की गई। कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश और पुलिस अधीक्षक को शॉल और मोमेंटो देकर कारा अधीक्षक ने सम्मानित किया। कार्यक्रम का सम्पूर्ण संचालन कारा अधीक्षक हिमानी प्रिया ने किया।

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