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विशेष रिर्पोट: सरायकेेला (संजय मिश्रा)

पूरा सावन हाहाकार …….

अंतिम समय में हुई लबालब बरसात से अन्नदाताओं के चेहरे खिले…..

सरायकेेला (संजय मिश्रा)  बारिश के बाउंड्री लाइन पर मेघों ने दिखाई अपनी दरियादिली। पूरे सावन महीना वर्षा के लिए आसमान ताकते रहे अन्नदाताओं के चेहरे सावन के गुजरने के साथ खिलते हुए दिखे। वही सावन की पूर्णिमा तिथि बृहस्पतिवार को पूरे दिन हुई लगातार रिमझिम बारिश से खेतों में पानी का जमाव देखा गया। हालांकि बृहस्पतिवार को पूरे दिन हुई रिमझिम बारिश से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त रहा। जहां भाई बहन के स्नेहबंधन का सबसे बड़ा त्यौहार रक्षाबंधन उत्सव पर भी लगातार बारिश का प्रभाव देखा गया। परंतु किसान वर्ग सावन के अंतिम दिन बारिश पाकर खुश नजर आए।

बताते चलें कि इस वर्ष पूरे जुलाई महीने में जिले में औसत वर्षा 284.9 मिमी के स्थान पर मात्र 166.7 मिमी वर्षा प्राप्त हुई थी। जो औसत से 18.2 मिमी कम रही थी। परंतु बारिश का दौर पूरे महीने अनियमित होने के कारण धान की खेती के लिए अनुपयोगी बारिश रही थी। बताते चलें कि जिले में कृषि के रूप में धान की खेती ही मुख्य वार्षिक उपज है। जिसे लेकर किसान साल भर तैयारी करते हैं। और इसी पर जिले के अधिकांश किसानों के परिवारों का भरण पोषण हो पाता है।

इधर बारिश की शुन्यता की स्थिति के बाद बीते 3 दिनों से क्षेत्र में चले बारिश के दौर ने पूर्व के कमियों को किसानों की नजर में पाटने का भरसक प्रयास किया है। जिसके तहत अगस्त महीने में बुधवार तक जिले में कुल 513.1 मिमी वर्षा प्राप्त हुई है। जिसे लगभग मृतप्राय हो चली धान की खेती के लिए संजीवनी बताया जा रहा है।

लगातार बारिश ने किया जनजीवन अस्त व्यस्त :-

वृहस्पतिवार को पूरे दिन हुए लगातार बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। त्योहार का दिन होने के बावजूद भी सड़कों पर और बाजारों में लोगों की आवाजाही कम दिखी। इस दौरान यात्री वाहनों का परिचालन भी कम हुआ। लगातार बारिश के बीच मोहितपुर पंचायत के सुवर्णपुर वार्ड में पलाश का पेड़ घर के ऊपर गिर गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए मुखी समाज के केंद्रीय प्रवक्ता रंजन कारुवा ने बताया कि पलाश के पेड़ के गिरने से घर में रह रहे लोग बाल बाल बचे। परंतु बिजली का तार टूट जाने के बाद विद्युत प्रवाह को बंद किया गया। जिसके कारण क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति ठप बनी हुई है।

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