2 सालों से मानदेय भुगतान नहीं होने के कारण ओड़िया शिक्षकों का हाल बेहाल…
सरायकेला Sanjay । सरायकेला-खरसावां जिले में उड़िया भाषा के संरक्षण के लिए कार्य करने वाले ओड़िया शिक्षकों की आर्थिक हालात अत्यंत दयनीय हो गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि उड़िया पठन-पाठन पर इसका गहरा असर दिख रहा है। पिछले दो सालों से उनका मानदेय भुगतान नहीं किया गया है। उड़ीसा के बाहर अन्य राज्यों में उड़िया भाषा के संरक्षण के लिए उड़ीसा सरकार की ओर से उत्कल सम्मेलनी नामक प्राइवेट संस्था के जरिए जिले में उड़िया भाषा का पठन-पाठन कार्य संचालित कराया जा रहा है।
उत्कल सम्मेलनी द्वारा वर्ष 2020 का मानदेय का भुगतान किया गया है, इसके बाद उत्कल सम्मेलनी द्वारा शिक्षकों को मानदेय भुगतान नहीं किया गया है। जिससे शिक्षकों में रोष है। शिक्षकों का कहना है कि उत्कल सम्मेलनी द्वारा साल में केवल 10 महीने का ही उन्हें मानदेय मिलता है, परंतु वह भी पिछले दो सालों से नहीं मिला है। उत्कल सम्मेलनी द्वारा शिक्षकों को केवल आश्वासन दिया जा रहा है। जिला परिदर्शक सुशील कुमार सारंगी ने कहा कि उड़ीसा सरकार के अधीनस्थ उत्कल सम्मेलनी कार्य करती है। उड़िया शिक्षकों का लंबित मानदेय को लेकर कई बार उड़ीसा सरकार से वार्ता की गई है। परंतु सरकार द्वारा उत्कल सम्मेलनी को शिक्षकों का मानदेय नहीं उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि मानदेय नहीं उपलब्ध कराया जाना गंभीर विषय है, क्योंकि जिले के ओड़िया शिक्षक भाषा संरक्षण को लेकर एक मुहिम के रूप में कार्य कर रहे हैं।